Loksabha Election 2024: देश में 18वीं लोकसभा के चुनाव होने जा रहे है,सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुटे हुए है. जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही है,वैसे-वैसे यूपी में आगामी चुनाव का मुकाबला बहुत ही दिलचस्प होता दिखाई दे रहा है. पिछले दिनों सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपना दल (कमेरावादी) के साथ समाजवादी पार्टी (सपा) का अब कोई गठबंधन नहीं है इस बात का ऐलान किया था.इसके कुछ ही दिनों बाद पल्लवी पटेल की पार्टी ने नए मोर्चे का ऐलान कर दिया.
यूपी की राजनीति वैसे भी देश में हमेशा ही सुर्खियों में रहती है.वजह है लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीट. पल्लवी पटेल की पार्टी ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) से हाथ मिला लिया है. नए मोर्चे में बाबूराम पाल की राष्ट्रीय उदय पार्टी, प्रेमचंद बिंद की प्रगतिशील मानव समाज पार्टी भी शामिल है,इस मोर्चे को पीडीएम न्याय मोर्चा यानि पिछड़ा दलित मुस्लिम न्याय मोर्चा का नाम दिया गया है.
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नए मोर्चे के निशाने पर BJP या फिर सपा?
अब इस नए मोर्चे के सामने आने के बाद से ये सवाल उठ रहे है कि ये नया मोर्चा आगामी चुनाव में किसका खेल बिगाड़ेगा? अगर नए मोर्चे के नाम और ऐलान के मौके पर कही बात पर गौर किया जाए, तो BJP से ज्यादा समाजवादी पार्टी निशाने पर दिखाई दे रही है. अखिलेश पिछले कुछ समय से पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) की बात करते आए हैं. पीडीए को ही आधार बनाकर राज्यसभा चुनाव के समय तेवर दिखाते हुए Pallavi Patel ने दो टूक कह दिया था कि किसी बच्चन-रंजन को वोट नहीं दूंगी. अब पल्लवी के नेतृत्व में बने इस मोर्चे का नाम ही पीडीएम रख दिया गया है जो यह बताने के लिए पर्याप्त है कि फोकस किस मतदाता वर्ग पर रहने वाला है.
Pallavi Patel और ओवैसी क्या है रणनीति?
दरअसल,Pallavi Patel ने कहा भी कि पीडीए के ए में बड़ी कन्फ्यूजन है. कहीं ये अल्पसंख्यक रहता है तो कहीं अगड़ा, कहीं आदिवासी बन जाता है. पल्लवी और ओवैसी की आगामी चुनाव के लिए रणनीति पिछड़ा और मुस्लिम वोटों का नया समीकरण गढ़ने की है. अगर यह रणनीति सही साबित हो गई तो रामपुर, मुरादाबाद, आजमगढ़ जैसी कई ऐसी सीटों पर समाजवादी पार्टी का खेल बिगड़ सकता है,क्योंकि यहां पर ओबीसी और मुस्लिम मतदाता ही जीत और हार को निर्धारित करते है.
महाराष्ट्र से बिहार तक ओवैसी का दिख चुका है जलवा
आपको यह भी बता दे कि ओवैसी की पार्टी मुस्लिम पॉलिटिक्स की मैदान पर महाराष्ट्र से बिहार तक अपना जलवा दिखा चुकी है. ओवैसी ने खुद कहा भी कि 2022 के यूपी चुनाव में 90 फीसदी मुस्लिम वोटर्स ने सपा को वोट किया था. सपा मुस्लिमों के साथ क्या कर रही है, यह सबने देखा है. मुरादाबाद में एसटी हसन के साथ क्या हुआ, ये भी किसी से छिपा हुआ नहीं है.
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