Anant Singh Firing Case: बिहार के मोकामा विधानसभा क्षेत्र के नौंगा जलालपुर पंचायत में एक गैंगवार ने राजनीति और समाज में हलचल मचा दी है। यह टकराव बाहुबली अनंत सिंह और स्थानीय नेता सोनू सिंह के बीच हुआ है। ये विवाद उस समय शुरू हुआ जब सोनू सिंह के घर पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई। सोनू सिंह ने आरोप लगाया कि अनंत सिंह के समर्थकों ने उनके घर पर हमला किया। इस घटना के बाद सोनू सिंह ने दावा किया कि अब वह शास्त्र और शस्त्र की परिभाषा उन लोगों को समझाएंगे।
सोनू सिंह का बयान
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सोनू सिंह ने कहा कि अनंत सिंह और उनके समर्थकों ने उनके घर पर गोली चलाने का काम किया। इस हमले के बाद, गांववालों ने प्रतिक्रिया दी। सोनू सिंह ने यह भी कहा कि अनंत सिंह के लिए उनका गांव या लोग कोई चुनौती नहीं हैं, क्योंकि अनंत सिंह एक पूर्व विधायक रहे हैं और उन्होंने कभी कोई गोली नहीं चलाई। सोनू का आरोप था कि अनंत सिंह उनके खिलाफ राजनीतिक रंजिश रखते हैं और ऐसे लोगों को जेल में होना चाहिए।
मुखिया उर्मिला देवी और परिवार की स्थिति
नौंगा जलालपुर की मुखिया उर्मिला देवी हैं, जिनके बेटे सोनू और मोनू हैं। जब सोनू सिंह से मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने एक वायरल वीडियो में जवाब दिया। अनंत सिंह ने आरोप लगाया था कि सोनू सिंह ने किसी के घर में ताला लगाया और रंगदारी मांगी। सोनू ने कहा कि यह सवाल ही गलत है और यह भी नहीं कहा जा सकता कि ताला लगाया गया था या नहीं। उनका आरोप था कि यह सब राजनीतिक साजिश है, जो मुकेश सिंह के द्वारा की गई थी, जो पहले उनके कर्मचारी थे।
राजनीतिक साजिश और हमले का विवरण
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सोनू सिंह ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, वह सब राजनीतिक साजिश का हिस्सा हैं। उनका कहना था कि मुकेश सिंह ने उनके साथ विश्वासघात किया और यह आरोप बेबुनियाद हैं। सोनू ने कहा कि इस हमले के पीछे राजनीति के खेल के अलावा कुछ नहीं है। वह कहते हैं कि जब वह जेल से बाहर आए थे, तब उन्होंने अपने परिवार और खेती-बाड़ी में ध्यान लगाना शुरू किया था। उनका आरोप है कि पूर्व में अनंत सिंह के विरोध में चुनाव लड़ने के कारण यह सब हुआ है।
अनंत सिंह के खिलाफ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता
सोनू सिंह ने यह भी बताया कि वह पहले चुनावों में अनंत सिंह के खिलाफ थे क्योंकि उनके परिवार ने पहले उनकी मदद की थी, लेकिन बाद में अनंत सिंह ने उन्हें धोखा दिया और उन्हें सिर्फ कुछ ही वोटों से हरा दिया। इस वजह से सोनू सिंह ने अपनी नाराजगी जताई और कहा कि उनका अपमान हुआ था। इसके बाद, वह अनंत सिंह के पास गए थे, लेकिन उन्हें वहां से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। सोनू ने यह भी कहा कि अनंत सिंह ने उनके घर पर आकर अंधाधुंध फायरिंग की, जो कि एक राजनीतिक प्रतिशोध था।
परिवार के सदस्य की सुरक्षा का मुद्दा
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सोनू सिंह के पिता प्रमोद कुमार ने भी इस घटना पर बयान दिया और कहा कि यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण थी। उन्होंने बताया कि जब वे पटना हाई कोर्ट से लौट रहे थे, तो उन्हें सूचना मिली कि उनके घर पर गोलीबारी हुई है। उनका कहना था कि यह हमला जानबूझकर किया गया था, और हमलावरों ने पहले हवाई फायरिंग की और फिर राइफल से गोली चलाई। यह हमला जान से मारने की नीयत से किया गया था। प्रमोद कुमार ने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण उनके परिवार की जान को खतरा था।
इस मामले ने मोकामा क्षेत्र में राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। सोनू सिंह और अनंत सिंह के बीच बढ़ती प्रतिद्वंद्विता से यह स्पष्ट होता है कि बिहार में राजनीति अब केवल विचारों और विकास के मुद्दों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह व्यक्तिगत संघर्षों और गैंगवारों तक भी पहुंच चुकी है। यह मामला राजनीति में दखल देने वाले बाहुबलियों और स्थानीय नेताओं के बीच संघर्ष को और भी स्पष्ट करता है।