Uttarakhand News: उत्तराखंड के नैनीताल (Nainital) जिले में दिल्ली के निर्भया कांड जैसी एक और भयावह घटना सामने आई है। एक युवती के साथ चलती बस में दुष्कर्म का प्रयास किया गया। यह घटना तब घटी जब युवती हल्द्वानी से अपने गांव लौट रही थी। घटना के बाद युवती ने साहस दिखाते हुए चलती बस से कूदकर अपनी जान बचाई और रोडवेज स्टेशन पहुंचकर अपने पिता को इस घटना की जानकारी दी।
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दुष्कर्म का प्रयास
गुरुवार सुबह ताड़ीखेत ब्लाक के एक गांव निवासी युवती शीतलाखेत से हल्द्वानी जा रही केमू बस में सवार हुई थी। युवती को रामनगर अपने रिश्तेदारों के पास पहुंचना था। दोपहर में जब बस हल्द्वानी पहुंची, तो युवती भी अन्य यात्रियों के साथ उतरने लगी। इस दौरान उसने परिचालक से रामनगर जाने के लिए दूसरी बस के बारे में पूछा। परिचालक ने उसे बस अड्डे तक छोड़ने का भरोसा दिलाया और बस को स्टार्ट कर रवाना हो गया।
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बस में पहले हुई छेड़छाड़
आरोप है कि परिचालक ने बस को एक पेट्रोल पंप पर तेल भरवाने के बाद सुनसान रोड पर ले जाकर रोक दिया और युवती के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। उसने अपने मोबाइल से काल कर बस चालक को भी बुला लिया। दोनों ने मिलकर चलती बस में युवती से दुष्कर्म का प्रयास किया। बस के शीशे बंद होने के कारण उसकी चीखें बाहर नहीं जा सकीं। किसी तरह युवती ने हिम्मत दिखाते हुए बस से कूदकर अपनी जान बचाई और भागते हुए हल्द्वानी के रोडवेज स्टेशन पहुंच गई।
परिवार को दी घटना की जानकारी
रोडवेज स्टेशन पहुंचकर युवती ने अपने पिता को फोन कर घटना की जानकारी दी। पिता ने तुरंत अपने बेटे को हल्द्वानी भेजा। भाई के साथ युवती गांव पहुंची तो परिवार ने राहत की सांस ली। युवती के पिता के अनुसार, यह पहली बार नहीं था जब परिचालक ने उसकी बेटी से छेड़छाड़ की थी। उसने बताया कि परिचालक पहले भी उसकी बेटी के साथ छेड़छाड़ कर चुका है। युवती के पिता ने बताया कि वे शुक्रवार को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। कोतवाल हल्द्वानी उमेश कुमार मलिक के अनुसार, मामला अभी जानकारी में नहीं आया है। तहरीर मिलने पर पुलिस द्वारा उचित जांच की जाएगी। स्वजन कहीं भी रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं।
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समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह सोचने पर मजबूर करता है कि सार्वजनिक स्थानों और परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा कितनी कमजोर है। सरकार और प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
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महिलाओं की सुरक्षा हो सर्वोपरि
महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि सरकार और प्रशासन मिलकर कार्य करें। इसके साथ ही समाज को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ और अपराध के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सुरक्षा उपायों को मजबूत करना और अपराधियों को सख्त सजा देना ही इस समस्या का समाधान हो सकता है। हर महिला का अधिकार है कि वह बिना डर के अपने काम को अंजाम दे सके और सुरक्षित महसूस कर सके।
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