Delhi News: दिल्ली के शाहदरा (Shahdara) इलाके से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। रामलीला (Ramlila) के मंच पर भगवान श्रीराम की भूमिका निभा रहे 54 वर्षीय सुशील कौशिक की हार्ट अटैक (Heart Attack) से अचानक मौत हो गई। सुशील कौशिक विश्वकर्मा नगर में हो रही रामलीला के मंचन के दौरान मंच पर ही तबीयत बिगड़ने पर अचानक बेहोश हो गए। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
32 वर्षों से रामलीला से जुड़े थे सुशील कौशिक
सुशील कौशिक, जो पेशे से प्रॉपर्टी डीलर थे, पिछले 32 वर्षों से रामलीला के मंच से जुड़े हुए थे और इस साल भी वह श्रीराम की भूमिका निभा रहे थे। घटना के दिन जब वह मंच पर संवाद बोल रहे थे, अचानक उनके सीने में दर्द हुआ और वह मंच से नीचे उतरने लगे। यह देखकर दर्शकों और साथी कलाकारों में हलचल मच गई। जैसे ही उनकी हालत बिगड़ी, तुरंत एंबुलेंस बुलाई गई। हालांकि, अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह घटना जय श्री रामलीला कमिटी, झिलमिल विश्वकर्मा नगर की ओर से आयोजित रामलीला के दौरान घटी।
वीडियो हुआ वायरल, दिखा आखिरी क्षण
इस हादसे का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि सुशील कौशिक राम का किरदार निभा रहे हैं और डायलॉग्स बोलते हुए मंच पर अपनी भूमिका निभा रहे थे। अचानक, उन्होंने अपने सीने पर हाथ रखा और मंच के पीछे जाने लगे। वीडियो में बैकग्राउंड से भजन की आवाज सुनाई दे रही है, और सुशील को भी धीरे-धीरे भजन गुनगुनाते हुए देखा जा सकता है। इसी बीच, दर्द के कारण वह मंच से पीछे हट गए और कुछ ही देर में उनकी तबीयत बेहद गंभीर हो गई।
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हार्ट अटैक से बढ़ रही अचानक मौतें
यह कोई पहली घटना नहीं है जब कोई स्वस्थ दिखता व्यक्ति अचानक हार्ट अटैक का शिकार हो गया हो। बीते कुछ सालों में इस तरह की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जब सामान्य जीवन में व्यस्त व्यक्ति अचानक दिल का दौरा पड़ने से अपनी जान गंवा रहा है। चाहे बैंक में हो, किसी मॉल में खरीदारी कर रहा हो, स्टेज पर नृत्य कर रहा हो, बाइक चला रहा हो, या फिर जिम में एक्सरसाइज कर रहा हो—कई लोग अचानक सीने में दर्द की शिकायत करते हुए गिर पड़ते हैं और उनकी उसी वक्त मौत हो जाती है।
हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों से चिंतित विशेषज्ञ
विशेषज्ञों के मुताबिक, हाल के वर्षों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं, खासकर युवा वर्ग में। लोगों की बदलती जीवनशैली, अत्यधिक तनाव, अनियमित खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी जैसे कारक दिल की बीमारियों के बढ़ते जोखिम में योगदान दे रहे हैं। इसके अलावा, कोरोना महामारी के बाद से हृदय रोगों की घटनाओं में भी वृद्धि देखी गई है। नियमित स्वास्थ्य जांच और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने की सलाह दी जाती है, ताकि इस तरह के अचानक हादसों से बचा जा सके।
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दिल का दौरा: सावधानी और जागरूकता दोनों की जरूरत
दिल का दौरा आज के समय में एक गंभीर बीमारी बन चुकी है, जिसे हल्के में लेना घातक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि तनाव प्रबंधन, सही खानपान, नियमित व्यायाम और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच से हार्ट अटैक के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही, अचानक सीने में दर्द, पसीना आना, सांस लेने में तकलीफ और चक्कर आना जैसे लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करते हुए तुरंत चिकित्सा सहायता लेना जरूरी है।