आईएसआई (ISI) जासूसी और फंडिंग नेटवर्क से जुड़े अमृत गिल और रियाजुद्दीन गिरफ्तार

Sharad Chaurasia
By Sharad Chaurasia
  • एटीएस को आतंकी गतिविधियों और जासूसी के बारे में मिला था खुफिया इनपुट
  • पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े तार
  • पुलिस आरोपियो से कर रही पूछताछ

लखनऊ संवाददाता- मोहम्मद कलीम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी और उसके फंडिंग नेटवर्क से जुड़े पंजाब के अमृत गिल और गाजियाबाद के रियाजुद्दीन को गिरफ्तार किया है। अमृत गिल को पंजाब से गिरफ्तार करके ट्रांजिट रिमांड पर रविवार को लखनऊ लाया गया, जबकि रियाजुद्दीन को पूछताछ के बाद रविवार को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया। रियाजुद्दीन से एटीएस पहले भी पूछताछ कर चुकी थी। रियाजुद्दीन के बैंक खाते में अज्ञात स्रोतों से मार्च 2022 से अप्रैल 2022 के बीच लगभग 70 लाख रुपये आए थें, जिसे बाद में भिन्न-भिन्न खातों में भेजा गया। यह भी पता चला कि आईएसआई की सूचना भेजने वाले अमृत गिल को भी बैंक खाते से पैसे भेजे गए हैं।

कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड के लिए लखनऊ लाए गए आरोपी

अमृत गिल उर्फ अमृत पाल सिंह उर्फ मन्नी मूल रूप से पंजाब के भटिंडा जिले के फूल थाना क्षेत्र स्थित दुल्लेवाल गांव का रहने वाला है। उसकी उम्र लगभग 25 वर्ष है और वह आटो चालक है। वर्तमान में वह भटिंडा जिले के फूल थाना क्षेत्र स्थित दशमेश नगर कॉलोनी में रह रहा था। उसे गत 23 नवंबर को देर रात भठिंडा से गिरफ्तार किया गया था। उसके कब्जे से दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर उसे लखनऊ लाया गया है।

अमृत गिल पर भारतीय सेना के टैंक आदि के बारे में संवेदनशील सूचनाएं आईएसआई को साझा करने का आरोप है। गाजियाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र स्थित फरीदनगर निवासी 36 वर्षीय रियाजुद्दीन का एटीएस ने दोबारा पूछताछ के लिए लखनऊ बुलाया था जहं रविवार की उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके कब्जे से एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है। बैंक खाते में संदिग्ध तौर पर 70 लाख रुपये जमा होने के कारण रियाजुद्दीन एटीएस के रडार पर आ गया था।

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आतंकी गतिविधियो की कर रहे थे जासूसी

एटीएस को खुफिया इनपुट मिला था कि कुछ लोगों को संदिग्ध स्रोतों से पैसा प्राप्त हो रहा है और उसका प्रयोग आतंकी गतिविधियों और जासूसी में किया जा रहा है। साथ ही पैसों के लालच में आईएसआई को गोपनीय तथा संवेदनशील सूचनाएं भी भेजी जा रही हैं। इस सूचना की पुष्टि के बाद एटीएस के लखनऊ थाने में रियाजुद्दीन व इजहारुल समेत अज्ञात आईएसआई एजेंट्स के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। इजहारुल पहले से बिहार की बेतिया जेल में बंद है। मुकदमे की विवेचना में साक्ष्य संकलन के दौरान पता चला कि रियाजुद्दीन के बैंक खाते में अज्ञात स्रोतों से मार्च 2022 से अप्रैल 2022 के बीच लगभग 70 लाख रुपये आए हैं, जिसे बाद में भिन्न-भिन्न खातों में भेजा गया। यह भी पता चला कि आईएसआई की सूचना भेजने वाले ऑटो चालक अमृत गिल को भी बैंक खाते से पैसे भेजे गए हैं।

पुलिस नेटवर्क से जुड़े लोगो से कर रही पूछताछ

अमृत गिल को आईएसआई के पाकिस्तानी हैंडलर द्वारा रियाजुद्दीन व इजहारुल की मदद से आर्थिक सहयोग पहुंचाया जाता था। रियाजुद्दीन एवं इजहारुल की मुलाकात वेल्डिंग का कार्य करते समय राजस्थान में हुई थी। तभी से दोनों एक दूसरे के संपर्क में रहकर आईएसआई के लिए कार्य कर रहे थे। बैंक खाते से लेन-देन से संबंधित अन्य खाताधारकों की भी जांच की जा रही है, जिससे आईएसआई से जुड़े अन्य लोगों की भी पहचान कर उनके विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मुकदमे में नामजद एक अन्य अभियुक्त इजहारुल पहले से ही बिहार की बेतिया जेल में बंद है। उसे वारंट-बी दाखिल करके लखनऊ लाने और टेरर फंडिंग के स्रोतों के संबंध में पूछताछ कर नेटवर्क से जुड़े अन्य व्यक्तियों को चिह्नित किया जाएगा।

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