Amit Shah In Lok Sabha: लोकसभा में जब पहलगाम आतंकी हमले और “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर चर्चा शुरू हुई, तो विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी संसद को दी और विपक्ष के सवालों का करारा जवाब भी दिया।अमित शाह ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि कुछ लोग यह दावा कर रहे हैं कि हमले के बाद केवल राहुल गांधी ही मौके पर पहुंचे थे।

इस पर उन्होंने तीखा सवाल उठाते हुए कहा, “आपकी आंख कौन से चश्मे से देख रही है?” उन्होंने बताया कि 1 बजे हमला हुआ था और वे शाम 5 बजे ही श्रीनगर पहुंच चुके थे।जब विपक्ष ने शोर मचाना शुरू किया, तो अमित शाह ने दो टूक कहा, “सुनो-सुनो, सुनना पड़ेगा आपको। ऐसे नहीं चलेगा। मैंने भी आपकी बातें सुनी हैं, अब आपको मेरी भी सुननी होगी।”
हमला होते ही सक्रिय हुई सरकार: अमित शाह
अमित शाह ने संसद में यह स्पष्ट किया कि हमला होते ही केंद्र सरकार हरकत में आ गई थी। उन्होंने बताया कि अगले ही दिन यानी 23 अप्रैल को उन्होंने सुरक्षा बलों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि किसी भी आतंकवादी को पाकिस्तान भागने नहीं दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने 1055 लोगों से पूछताछ की, जिसमें कुल 3000 घंटे से अधिक का समय लगा। मृतकों के परिजनों, चश्मदीद गवाहों और संदिग्ध सहयोगियों से गहन पूछताछ की गई। इसी के आधार पर आतंकियों के स्केच बनाए गए और उन लोगों की पहचान की गई जिन्होंने हमलावरों को शरण दी थी।
ऑपरेशन सिंदूर से मिला न्याय

गृह मंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए मोदी सरकार ने उन आतंकियों को निशाना बनाया जिन्होंने इस हमले को अंजाम दिया था। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में सिर्फ हमलावरों को ही नहीं, बल्कि उन्हें भेजने वालों को भी समाप्त किया गया।अमित शाह ने लोकसभा में उस क्षण का भी ज़िक्र किया जब उन्होंने शहीदों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने भावुक होते हुए बताया कि एक महिला से उनकी मुलाकात हुई, जो अपनी शादी के सिर्फ 6 दिन बाद ही विधवा हो गई थी। उन्होंने कहा कि वह मंजर कभी नहीं भूल सकते।