Amarnath Yatra 2025:जम्मू-कश्मीर में हो रही लगातार भारी बारिश के कारण श्री अमरनाथ यात्रा 2025 को एक बार फिर रोक दिया गया है। प्रशासन द्वारा यह निर्णय तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने आधिकारिक रूप से घोषणा की कि बालटाल और पहलगाम दोनों रूट्स से यात्रा स्थगित कर दी गई है।जम्मू-कश्मीर सूचना और जनसंपर्क विभाग ने बताया कि लगातार हो रही बारिश के चलते ट्रैक पर फिसलन और भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है, जिस कारण श्रद्धालुओं की आवाजाही खतरे में पड़ सकती थी। ऐसे में सावधानी बरतते हुए यात्रा को रोका गया है।
यात्रा रोकने का निर्णय सुरक्षा को देखते हुए लिया गया

श्राइन बोर्ड और स्थानीय प्रशासन ने संयुक्त रूप से यह फैसला किया है कि मौसम सामान्य होने तक यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित रखा जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, बारिश के कारण पगडंडियों की स्थिति खराब हो गई है, जिससे फिसलने और दुर्घटना की संभावना बढ़ गई है।अमरनाथ यात्रा 2025 के दौरान अब तक 3.93 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके हैं। खराब मौसम के बावजूद दर्शन का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है, लेकिन हर बार मौसम बाधा बनता दिख रहा है।
पहले भी 17 जुलाई को रोकी गई थी यात्रा
गौरतलब है कि 17 जुलाई को भी यात्रा स्थगित की गई थी। उस समय भी घाटी में पिछले 36 घंटों से लगातार मूसलधार बारिश हो रही थी, जिससे पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों की स्थिति बिगड़ गई थी।कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार भिदुरी ने बताया था कि मार्गों की मरम्मत के लिए ट्रैक को अस्थायी रूप से बंद करना जरूरी था। उन्होंने यह भी कहा था कि तीर्थयात्रियों की जान की हिफाजत प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मौसम सामान्य होते ही फिर से शुरू होगी यात्रा
श्राइन बोर्ड और स्थानीय प्रशासन द्वारा मौसम पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। जैसे ही बारिश का असर कम होगा और मार्ग सुरक्षित पाए जाएंगे, अमरनाथ यात्रा को फिर से शुरू कर दिया जाएगा।श्रद्धालुओं से आग्रह किया गया है कि वे स्थानीय प्रशासन और श्राइन बोर्ड की दिशा-निर्देशों का पालन करें और जब तक अनुमति न मिले, तब तक बालटाल और पहलगाम बेस कैंप्स की ओर न बढ़ें।
श्रद्धालुओं से अपील
प्रशासन ने तीर्थयात्रियों और उनके परिजनों से अपील की है कि वे किसी भी ग़लत सूचना या अफवाह पर ध्यान न दें और केवल अधिकृत सूचना स्रोतों से अपडेट लें। यात्रा मार्ग पर सुरक्षा बल, चिकित्सा दल और बचाव कर्मी पूरी तरह से तैनात हैं।