Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में भारतीय सशस्त्र बलों के शीर्ष नेतृत्व की अहम भूमिका रही।इस संबंध में प्रमुख सैन्य अधिकारियों ने आर्मी वेटरन्स और देश के प्रमुख थिंक टैंक्स के साथ बैठक कर ऑपरेशन के सफल संचालन की जानकारी साझा की।IDS मुख्यालय के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि,इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी,नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भाग लिया।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में तीनों सेनाओं की अहम भूमिका
बैठक में शीर्ष अधिकारियों ने ऑपरेशन सिंदूर की रणनीतिक सफलता, तीनों सेनाओं के तालमेल,उनकी क्षमताओं और आधुनिक मल्टी डोमेन ऑपरेशन की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी बताया कि,कैसे स्पष्ट रणनीतिक मार्गदर्शन और संयुक्त प्रयासों के जरिए इस अभियान को सफल बनाया गया।ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय सेना ने दुनिया के 70 देशों को ब्रीफ किया और इस जवाबी कार्रवाई के बारे में विस्तार से बताया रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा ने सभी देशों को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की जानकारी दी।
डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी के महानिदेशक ने दी जानकारी
डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी (DIA) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा ने सभी फॉरेन सर्विस के अधिकारियों को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले के बारे में बताया।इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि,ऑपरेशन सिंदूर ने कैसे भारत-पाकिस्तान तनाव में अहम भूमिका अदा की इसके जरिए कैसे आतंकी ठिकाने को तबाह किया गया ऑपरेशन सिंदूर ने भारत-पाक संबंधों में नई परिपाटी सेट की।
तीनों सेनाओं ने एकजुट होकर तोड़ी पाकिस्तान की कमर
लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा ने भारतीय सेनाओं के पराक्रम के बारे में विस्तार से बताया इस दौरान उन्होंने तीनों सेनाओं की सैन्य क्षमता का जिक्र किया और ऑपरेशन सिंदूर में जिन हथियारों का इस्तेमाल किया गया उसकी जानकारी दी।भारत की तीनों सेनाओं ने एकजुट होकर कैसे पाकिस्तान की सेना और उसके हथियारों की धज्जियां उड़ा दी ऑपरेशन सिंदूर में भारत के स्वदेशी हथियार गेम चेंजर साबित हुए जिसकी ताकत पूरी दुनिया ने देखी।
10 सालों में 34 गुना बढ़ा भारत का रक्षा निर्यात
बीते 10 सालों में भारत का रक्षा निर्यात 34 गुना बढ़ा है।आज भारत लगभग 100 देशों को स्वदेशी रक्षा उपकरणों का निर्यात कर रहा है, जिससे देश की वैश्विक स्तर पर रक्षा क्षेत्र में साख लगातार बढ़ रही है।वर्ष 2029 तक रक्षा निर्यात को 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य देश को वैश्विक रक्षा विनिर्माण में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।