All India Muslim Jamaat का वक्फ संशोधन बिल को समर्थन, मुस्लिम समुदाय को दी हिदायत- ‘राजनीति से रहें दूर’

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Shahabuddin Razvi

Bareilly News: बरेली में विश्व प्रसिद्ध आला हजरत के 106वें उर्स-ए-रजवी के पहले दिन, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (All India Muslim Jamaat) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी (Shahabuddin Razvi) बरेलवी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में मुस्लिम समुदाय के विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया और एक व्यापक मुस्लिम एजेंडा जारी किया गया। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बैठक में मुसलमानों को शिक्षा, व्यापार और परिवार पर ध्यान देने की हिदायत दी। उन्होंने समाज में फैल रही बुराइयों को रोकने की आवश्यकता जताई और लड़कियों के लिए अलग से स्कूल व कॉलेज खोलने की सलाह दी।

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यूसीसी और शरीयत में हस्तक्षेप पर तीखा विरोध

मौलाना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाल किले से घोषित सेक्युलर समान नागरिक संहिता (UCC) की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के कानून शरीयत में हस्तक्षेप करते हैं, जिसे भारत का मुसलमान मानने के लिए तैयार नहीं है। मौलाना ने सरकार और राजनीतिक दलों से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभाव और नाइंसाफी को रोकने का आग्रह किया।

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वक्फ संशोधन बिल का समर्थन

मौलाना ने वक्फ संशोधन बिल (Wakf Amendment Bill) का समर्थन करते हुए कहा कि वक्फ संपत्ति की आमदनी गरीब और कमजोर मुसलमानों पर खर्च की जानी चाहिए। उन्होंने इस पहल को मुसलमानों की गुरबत दूर करने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया। मौलाना ने बांग्लादेश में हालिया हिंसा की निंदा की और पाकिस्तान व अफगानिस्तान की सरकारों से अपील की कि वे अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ न करें। उन्होंने इस्राइल-फलस्तीन संघर्ष पर भी चिंता जताते हुए यूएनओ से जंगबंदी की मांग की और गाजा में मारे गए फलस्तीनियों के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया। मौलाना ने संसद और विधानसभाओं से ‘पैगंबर-ए-इस्लाम बिल’ लाने की मांग की ताकि कोई भी व्यक्ति भविष्य में पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखी न कर सके। मौलाना ने इस मुद्दे पर प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।

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मुसलमानों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश

  1. शिक्षा में सुधार: बच्चों को अधिक से अधिक तलीम दिलवाने का प्रयास करें।
  2. आर्थिक सहयोग: मालदार मुसलमान गरीब बच्चों के स्कूल की फीस का खर्च उठाएं।
  3. मदरसा शिक्षा: मदरसों में अरबी-उर्दू के साथ हिंदी, अंग्रेजी और कंप्यूटर की शिक्षा भी शामिल करें।
  4. विरासत में समान हिस्सेदारी: माता-पिता लड़कों के साथ-साथ लड़कियों को भी विरासत में हिस्सा दें।
  5. जकात का सही उपयोग: जकात का पैसा एकत्रित करके गरीब और बेसहारा लोगों पर खर्च करें।
  6. कानूनी पालन: कानून के दायरे में रहें और उत्पीड़न होने पर अधिकारियों से शिकायत करें।
  7. मतदान में भागीदारी: अपने वोटर आईडी और आधार कार्ड को समझदारी से बनवाएं और मतदान में सक्रिय भूमिका निभाएं।

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