Aligarh:आवारा पशुओं का आतंक,परेशान किसानों ने गांव के पंचायत घर में बंद किए आवारा पशु

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

अलीगढ़ संवाददाता: लक्ष्मन सिंह राघव

  • आवारा पशुओं से किसान परेशान: सेक्रेटरी के कहने पर पंचायत घर सचिवालय में बंद किए मवेशी: बोले किसान,
  • आवारा पशुओं से परेशान किसानो ने छुट्टा पशुओं को सचिवालय में किया बंद,रखवाली के बावजूद करते हैं फसल बर्बाद,

Aligarh: अतरौली तहसील क्षेत्र में हांड कंपाने वाली कड़कड़ाती ठंड में आवारा पशुओं से अपनी रवि की फसलों को बचाने के लिए ठंड में रात-रात जागकर रखवाली करने वाले किसानों ने परेशान होकर आवारा पशुओं को सचिवालय में बंद किए जाने का मामला सामने आया है। आवारा पशुओं से परेशान विसतोली गांव के किसानों द्वारा ग्राम पंचायत सचिवालय में छुट्टा आवारा पशुओं को इकट्ठा करके बंद करने के बाद गांव के मौजूदा प्रधान और सेक्रेटरी के खिलाफ बिगुल फूंकते हुए नारेबाजी कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है। कि शिकायतों के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं से किसानों को निजात नहीं दिलाया जा रहा है। यही वजह है कि उन्होंने उनके खेतों में घुसकर फसलों को बर्बाद करने वाले छुट्टा पशुओं से दुखी होकर आवारा पशुओं को सचिवालय में बंद किया है।

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आवारा पशु गांव के पंचायत घर सचिवालय में बंद

जानकारी के अनुसार विस्तौली गांव के किसानों द्वारा खेतों में घुसकर उनकी फसलों को बर्बाद कर उन्हें तबाही के रास्ते की तरफ धकेलने वाले छुट्टा आवारा पशुओं से परेशान होकर आवारा पशुओं को इकट्ठा कर गांव के पंचायत घर सचिवालय में बंद कर दिया। किसानों की मांग है। कि उनके द्वारा इकट्ठा करके सचिवालय में बंद किए गए छुट्टा पशुओं को गोआश्रय स्थल भेजा जाए। वहीं कड़कड़ाती सर्द ठंडी रातों में रात रात भर जाग कर आवारा पशुओं से अपनी फसलों की रखवाली कर सचिवालय में छुट्टा पशुओं को बंद किए जाने के बाद स्थानीय किसान ने सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि इलाके में घूम रहे आवारा पशुओं से क्षेत्रीय किसान परेशान है। कड़ाके की ठंड में रात रात भर जागकर किसान अपनी जान की परवाह किए बिना आवारा पशुओं से अपनी फसल को बचाने के लिए रखवाली कर रहे हैं। रखवाली करने के बाद भी आवारा पशु किसानों के खेत में घुसकर खड़ी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं।

परेशान किसानों को निजात दिलाए जाने की मांग की

यही वजह है कि छुट्टा आवारा पशुओं से परेशान होकर किसानों ने आवारा पशुओं को इकट्ठा करके गांव के पंचायत घर सचिवालय में बंद कर दिया। आरोप है कि किसानों द्वारा आवारा पशुओं को पंचायत घर में बंद किए जाने के बाद उनके द्वारा मौजूद ग्राम प्रधान से आवारा पशुओं को गोआश्रय स्थल भेजे जाने के लिए सेक्रेटरी का नंबर मांगा गया था। मौजूदा प्रधान के द्वारा सचिवालय में आवारा गोवंश बंद किए जाने की बात पर किसानों को धमकी देते हुए कहा कि सचिवालय में आवारा पशुओं को बंद करने वाले लोगों की शिकायत किए जाने की धमकी दी गई। इसके साथ ही परेशान किसानों की मांग है। कि उनके द्वारा सचिवालय में इकट्ठा करके बंद किए गए आवारा पशुओं को गोआश्रय स्थल भेजते हुए आवारा पशुओं से परेशान किसानों को निजात दिलाए जाने की मांग की है।

आवारा पशुओं का बहुत ज्यादा आतंक

किसान राजवीर सिंह का कहना है कि खेतों में घूमने वाले आवारा पशुओं का बहुत ज्यादा आतंक है। कड़ाके की ठंड में रात-रात भर जागकर खेतों में खड़ी फसलों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए रखवाली करते हैं।आरोप है। कि लोग चैन की नींद अपने घरों में सोते हैं, वहीं परेशान किसान आवारा गायों को रखवाली करते हैं।ओर ठंड में रखवाली करने के चलते कई किसान बीमार भी हो गए।आरोप है। कि प्रधान और सेक्रेटरी ने किसानों से बोला कि आवारा पशुओं को पकड़कर इकट्ठा कर लो,जिसके बाद उन्हें गोशाला भिजवा दिया जाएगा। इस पर परेशान किसानों ने आवारा गोवंशों को पकड़कर इकट्ठा करते हुए सेक्रेटरी के कहने पर पंचायत सचिवालय में बंद कर दिया।

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