Maha Kumbh 2025:संगम नगरी में महाकुंभ अब समापन की ओर है लेकिन महाकुंभ को लेकर अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है।सोमवार को यूपी विधानसभा सत्र के दौरान सीएम योगी ने सुअर और गिद्ध का उदाहरण देते हुए समाजवादी पार्टी को खूब खरी-खोटी सुनाई उनके इस बयान पर अब अखिलेश यादव ने कड़ा प्रहार किया है।महाशिवरात्रि के मौके पर महाकुंभ में अंतिम स्नान का दिन है इसके साथ महाकुंभ का समापन हो जाएगा लेकिन उससे पहले महाकुंभ सीएम योगी ने महाकुंभ के खिलाफ बोलने वाले लोगों को तगड़ा जवाब दिया है।
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सीएम योगी एवं अखिलेश यादव के बीच वार-पलटवार जारी

सोमवार को सीएम योगी ने महाकुंभ को लेकर विधानसभा में समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला उन्होंने कहा कि,महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसको वहां वो मिला।गिद्धों को महाकुंभ में लाश,सुअरों को गंदगी,सज्जनों वहां सज्जनता और भक्तों को भगवान मिले,गरीबों को रोजगार मिला,अमीरों को धंधा मिला और आस्थावानों को पुण्य मिला।सीएम योगी के इस बयान पर अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा,महाकुंभ में कई बार जाकर भी जिनका वैचारिक उद्धार नहीं हुआ उनके पाप और पतन की सीमा भला कौन नाप सकता है?
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अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर किया तीखा प्रहार

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर महाकुंभ में भगदड़ वाली एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा,महाकुंभ में जिन्होंने अपनों को तलाशा उन्हें न तो अपने उन परिवारवालों का नाम मृतकों की सूची में मिला,जो हमेशा के लिए खो गये और न ही खोया-पाया के रजिस्टर में।कुछ लोगों ने महाकुंभ में राजनीतिक अवसरवाद को तलाशा और उनको आत्मप्रचार का माध्यम मिला लेकिन उन्होंने अपनी नैतिकता, सत्यनिष्ठा और मानवीय संवेदनाओं को खो दिया और वाणी पर संतुलन को भी।
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सोशल मीडिया एक्स पर शेयर की भगदड़ की तस्वीर
अखिलेश यादव ने कहा,अशोभनीय कथनों का उच्चारण बताता है कि मानसिकता जब नकारात्मकता के चरम पर होती है तो देश, काल, स्थान की गरिमा का ख़्याल न करते हुए शब्दों के रूप में प्रकट होती है।

‘महाकुंभ’ जैसे पावन-पवित्र धार्मिक-आध्यात्मिक पर्व के संबंध में बोलते समय शब्दों का चयन, इस अवसर के मान और प्रतिष्ठा के अनुकूल होना चाहिए। महाकुंभ में कई बार जाकर भी जिनका वैचारिक उद्धार नहीं हुआ, उनके पाप और पतन की सीमा भला कौन नाप सकता है। ऐसे कथनों से जिन सुधीजनों को ठेस पहुँची है, उनसे निवेदन है कि ऐसे लोगों के प्रति सहानुभूति की भावना रखें न कि आक्रोश की।सन्मति दे भगवान!