Ajit Doval का रूस दौरा; क्या भारत की पहल से थम जाएगी Russia-Ukraine की जंग? जानें- क्या है प्लान

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Ajit Doval's visit to Russia

Ajit Doval’s visit to Russia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शांति की ओर झुकाव और संघर्षों के समाधान में भारत की भूमिका को लेकर दुनिया भर के देशों की निगाहें भारत की ओर हैं। पीएम मोदी ने कई बार यह स्पष्ट किया है कि भारत शांतिपूर्ण समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेगा। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine) के समाधान पर बातचीत के लिए रूस का दौरा करेंगे।

हाल ही में आई खबरों के अनुसार, अजीत डोभाल रूस में युद्ध की समाप्ति पर चर्चा करने के लिए मॉस्को जाएंगे। अजीत डोभाल की इस यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के समाधान में भारत की भूमिका को लेकर वैश्विक अपेक्षाएँ बढ़ गई हैं।

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इटली की पीएम भी निभा रही महत्वपूर्ण भूमिका

रूस और यूक्रेन दोनों देशों ने बार-बार कहा है कि भारत कूटनीतिक समाधान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भी इस पर सहमति जताई थी। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी शनिवार (7 सितंबर, 2024) को कहा कि भारत और चीन जैसे देश संघर्ष को सुलझाने में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। यह टिप्पणी उत्तरी इटली के सेर्नोबियो शहर में एम्ब्रोसेटी फोरम में आई, जहाँ उन्होंने जेलेंस्की के साथ भी बैठक की थी।

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जेलेंस्की ने पीस समिट आयोजित करने की जतायी थी इच्छा

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में उन देशों और साझेदारों की तारीफ की जिन्होंने मौजूदा संघर्ष के समाधान के लिए प्रयास किए हैं। इस बीच, पीएम नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा 23 अगस्त, 2024 को विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही। यह पहली बार था जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता के बाद यूक्रेन का दौरा किया। इस यात्रा के दौरान, जेलेंस्की ने भारत में एक और पीस समिट आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की थी, जिसे मोदी ने शांति की ओर भारत के निरंतर समर्पण के संकेत के रूप में देखा।

भारत की भूमिका रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान में वैश्विक राजनीति के एक महत्वपूर्ण पक्ष के रूप में उभर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शांति के प्रति प्रतिबद्धता और अजीत डोभाल की आगामी मॉस्को यात्रा इस बात की पुष्टि करती है कि भारत इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इस प्रक्रिया में, भारत की भूमिका एक मध्यस्थ और शांति प्रयासकर्ता के रूप में उभर कर सामने आई है, जो आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय राजनीति और कूटनीति में महत्वपूर्ण हो सकती है।

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