हाल ही में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा लागू किए गए सख्त नियमों ने टेलीकॉम सेक्टर में एक नई दिशा दी है, विशेष रूप से स्कैम, स्पैम और साइबर धोखाधड़ी को नियंत्रित करने के लिए। हालांकि, अब भारती एयरटेल ने इन नियमों को ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर भी लागू करने की मांग की है, जो वर्तमान में TRAI के नियंत्रण से बाहर हैं।
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साइबर धोखाधड़ी
एयरटेल के वाइस-चेयरमैन और एमडी गोपाल विट्टल ने TRAI को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने इन प्लेटफॉर्म्स पर रेगुलेटरी कदम उठाने का सुझाव दिया है।उनका कहना है कि व्हाट्सएप, टेलीग्राम और सिग्नल जैसे OTT प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ती स्पैम और साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए जरूरी है कि इन्हें भी नियमों के तहत लाया जाए। विट्टल का मानना है कि इस कदम से फिशिंग अटैक, वित्तीय धोखाधड़ी और व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा में सुधार हो सकता है।
विट्टल ने TRAI को दिए सुझाव
डिजिटल कंसेंट अधिग्रहण (DCA) फ्रेमवर्क का विस्तार: इसके माध्यम से उपयोगकर्ता टेलीकॉम और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अपनी अनुमति को नियंत्रित कर सकेंगे, जिससे स्पैम और धोखाधड़ी को नियंत्रित किया जा सकेगा।
KYC वेरिफिकेशन की अनिवार्यता: जैसे मोबाइल नंबर के लिए KYC प्रक्रिया आवश्यक है, वैसे ही OTT प्लेटफॉर्म्स को भी यूजर की पहचान की पुष्टि करनी चाहिए।
सेंट्रलाइज्ड ब्लैकलिस्ट सिस्टम: एक ब्लैकलिस्ट सिस्टम बनाने की आवश्यकता है, जिससे बार-बार स्पैम भेजने वालों को प्लेटफॉर्म से हटाया जा सके और वे दोबारा धोखाधड़ी करने से रोक सके।
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SMS और वॉयस कॉल
वर्तमान में, TRAI के कड़े नियमों के कारण SMS और वॉयस कॉल के माध्यम से स्पैम में काफी कमी आई है। हालांकि, साइबर अपराधी अब इन OTT प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि ये प्लेटफॉर्म TRAI के नियमों से बाहर हैं। इससे कंज्यूमर्स को फिशिंग अटैक, फाइनेंशियल स्कैम और प्राइवेसी के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
एयरटेल ने किया अलर्ट
एयरटेल पहले ही एक एआई-ड्रिवन एंटी-स्पैम टूल लॉन्च कर चुका है, जिससे स्पैम कॉल्स की पहचान में मदद मिलती है। इस टूल की मदद से एयरटेल ने 25.2 करोड़ कस्टमर्स को स्पैम कॉल और मैसेजेस से अलर्ट किया है। इसके अलावा, 10 लाख स्पैमर्स की पहचान की गई है, जो हर दिन करीब 13 करोड़ स्पैम कॉल्स करते थे।
एक दिन में 1 ट्रिलियन डेटा रिकॉर्ड्स को प्रोसेस करके फर्जीवाड़े का पता लगाया गया है।इसके साथ ही, विट्टल ने TRAI से यह भी अनुरोध किया है कि टेलीमार्केटिंग कंपनियों और व्यवसायिक सेक्टर के लिए सख्त दंड और अनुपालन नियम लागू किए जाएं। इसके अलावा, Caller ID Spoofing पर कड़े नियम बनाए जाने चाहिए, ताकि धोखाधड़ी करने वाले नंबरों को ट्रैक और ब्लॉक किया जा सके।