Delhi-NCR की Air quality बहुत खराब, GRAP-2 लागू..

Mona Jha
By Mona Jha

Air quality of Delhi-NCR : दिल्ली में सर्दी की दस्तक के साथ ही प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है। बते दें कि दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी बहुत खराब कैटेगरी के अंद पहुंच जाने की आशंका जाताई जा रही। वहीं दिल्ली में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शनिवार को 248 रहा, इसके साथ सर्दी के दौरान वायु प्रदूषण (Air Pollution) से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर में लागू की जाने वाली केंद्र सरकार की चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के दूसरे चरण के तहत यह निर्देश दिया गया है की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के प्राधिकारियों को निजी परिवहन को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी और सीएनजी/इलेक्ट्रिक बसों, मेट्रो सेवाओं को बढ़ावा देने का निर्देश दिया गया है।

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वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कहा..

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा करने के लिए हुई एक बैठक में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के पूर्वानुमानों से पता चलता है कि प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण 23 और 24 अक्टूबर को दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता के गिरकर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में जाने की आशंका है।

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मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक..

दिल्ली की हवा की गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 23 और 24 अक्टूबर को  ‘बहुत खराब’ कैटेगरी तक पहुंच सकता है, वहीं शनिवार शाम के समय दिल्ली का औसतन AQI 249 रिकॉर्ड किया गया है। बता दें कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, आज (रविवार) 22 अक्टूबर की बात करें तो सुबह 6 बजे दिल्ली के आनंद विहार इलाके का AQI 345, ITO की AQI 309, जहांगीरपुरी का 301, द्वारका सेक्टर 8 का 313 AQI दर्ज किया गया जो कि बहुत खराब कैटेगरी के अंतर्ग आता है। बता दें कि शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खरा और 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है।

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CAQM के मुताबिक, GRAP को चार कैटेगरी में लागू किया जाता है…

बता दें कि पहले चरण में 500 वर्ग मीटर के बराबर या उससे अधिक के उन भूखंड पर निर्माण और तोड़फोड़ परियोजनाओं पर काम रोकने का आदेश दिया जाता है जो धूल रोकने के उपायों की निगरानी से संबंधित राज्य सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत नहीं होते हैं।इसके अलावा पहले चरण में दिल्ली के 300 किलोमीटर के अंदर प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों और ताप ऊर्जा संयंत्रों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाती है और होटल, रेस्तरां व खुले भोजनालयों के तंदूर में कोयले और जलावन लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाता है।

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दूसरे चरण के तहत..

निर्माण और तोड़फोड़ वाले स्थलों से निकलने वाली धूल पर काबू पाने के लिए दिशानिर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करना भी पहले चरण के तहत आता है,दूसरे चरण के तहत उठाए जाने वाले कदमों में व्यक्तिगत वाहनों के इस्तेमाल को कम करने के उद्देश्य से पार्किंग शुल्क बढ़ाना और सीएनजी/इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सेवाओं को बढ़ावा देना शामिल है।

तीसरे चरण के तहत..

दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में पेट्रोल से चलने वाले बीएस-3 इंजन वाले और डीजल से चलने वाले बीएस-4 चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का प्रावधान है।

चौथे चरण के तहत..

सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है।राज्य सरकारें ऐसी स्थितियों के दौरान स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं और सरकारी व निजी कार्यालयों के लिए घर से काम करने के बारे में निर्णय लेने के लिए भी अधिकृत है।

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