Weather: ठंड में हर साल वायु प्रदूषण (Air pollution) का स्तर एक खतरनाक स्थिति में पहुंच जाता है, खासकर बात करे तो दिल्ली और एनसीआर जैसे क्षेत्रों की तो वहा बिगड़ती हवा की गुणवत्ता से न केवल सांस की समस्याएं हो रही, बल्कि दिल की बीमारियों का भी बड़ा कारण बनता जा रहा है। तेज सर्दी के साथ ही Air Quality इंडेक्स ( AQI ) के आंकड़े भी लोगों की सेहत को खराब कर रही हैं।
इस समय कई शहरों में जहरीली हवा का खतरा बराबर बना हुआ है। एयर क्वालिटी इंडेक्स ( AQI ) के आंकड़ों से पता चला है कि राजस्थान रेड जॉन से बाहर आ गया है। मगर राजस्थान के कई शहरों के हवा में प्रदूषण के आंकड़े हैरान करने वाले थे। राजस्थान में सबसे ज्यादा जहरीले हवा पिछले दिनों भिवाड़ी की दर्ज की गई थी, जहां अभी भी जहरीली हवा का खतरा लोगों की सेहत पर मडरा रहा हैं।
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जहरीली हवा श्वसन तंत्र पर डाल रही प्रभाव
विशेषज्ञ के मुताबिक, जहरीली हवा में सांस लेना न केवल आपके श्वसन तंत्र पर प्रभाव डालता है, बल्कि श्वास के रोगियों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता हैं। हवा में प्रदूषण का बढ़ना आपके स्वास्थ्य पर कई तरह का प्रभाव डालता है।
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हार्ड अटैक का बढ़ रहा है खतरा
वातावरण में AQI का लेवल के बढ़ने से स्वास्थ्य पर कई तरह के दुष्परिणाम पड़ते हैं। जैसे सबसे ज्यादा खतरा श्वास के रोगियों को होता है, ऐसे रोगियों के अंदर AQI लेवल बढ़ने से एक्यूट अटैक ( हार्ड अटैक ) का खतरा बढ़ जाता है।
जहरीली हवा से सांस लेने में तकलीफ
हवा का जहरीला होना लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। जो लोग श्वास की बीमारी से पीड़ित नहीं होते हैं, उनके स्वास्थ्य पर AQI का लेवल बढ़ने से खांसी, जुकाम, छाती में दर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसे गंभीर लक्षण देखने को मिलते हैं। वातावरण में हवा जहरीले होने से कई रोगियों में नियमित रूप से खांसी बन जाती हैं। हवा में प्रदूषण फैलने से जो लोग सामान्य खांसी से भी पहले से जूझ रहे होते हैं, उनकी खांसी को भी ऐसे माहौल में ठीक होने में 15 से 20 दिन लग जाते हैं।
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आंखों और त्वचा के लिए भी है हानिकारक
प्रदूषण से सिर्फ हमारे स्वास्थ्य को ही नहीं बल्कि आंखों और त्वचा पर भी इसका असर होता है इससे कई तरह के रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है। वातावरण में त्वचा पर होने वाले चर्म रोगों भी खतरा बढ़ जाता है। प्रदूषण से आंखों में पानी आना, आंखों का लाल पड़ जाना और खुजली होना इस तरह के गंभीर लक्षण भी प्रदूषण में लोगों में देखने को मिलते हैं।