Ahmedabad Plane Crash : अहमदाबाद विमान दुर्घटना की जांच में सीधे तौर पर शामिल होना चाहता है संयुक्त राष्ट्र! भारत ने जताई आपत्ति। सूत्रों का दावा है कि संयुक्त राष्ट्र की नागरिक उड्डयन जांच एजेंसी अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन ने अहमदाबाद दुर्घटना की जांच के लिए अपने पर्यवेक्षक नियुक्त करने की पेशकश की थी। लेकिन भारत सरकार ने उस पेशकश को खारिज कर दिया है।
विमान दुर्घटना में 275 लोगों की मौत
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अहमदाबाद विमान दुर्घटना में कुल 275 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में कई विदेशी नागरिक थे। भारत की ओर से तीन संगठनों डीजीसीए, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) ने विमान दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही खबर है कि कई विदेशी संगठन भी जांच करना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन पूरी जांच प्रक्रिया की निगरानी करना चाहता है। वे जांच में अपने प्रतिनिधि भेजना चाहते हैं। लेकिन भारत सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी।
जांच में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप नहीं
सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार किसी भी तरह से इस जांच में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप नहीं चाहती है। भारत एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर एआई-171 विमान के ब्लैक बॉक्स की जानकारी भी किसी विदेशी एजेंसी से साझा नहीं करना चाहता है। नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन को जांच की अनुमति देने में खास तौर पर अनिच्छुक है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन आमतौर पर तभी जांच करता है, जब कोई दुर्घटना किसी विवादित क्षेत्र में होती है या जब किसी देश की सेना हमला करके किसी नागरिक विमान को मार गिराती है।
एएआईबी कर रहा है जांच
नई दिल्ली के मन में सवाल है कि अहमदाबाद दुर्घटना की जांच में उनकी दिलचस्पी क्यों है। गौरतलब है कि गुरुवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा था कि वायुसेना के विमान से मंगलवार यानी 24 जून को बरामद किए गए दो ब्लैक बॉक्स अहमदाबाद से दिल्ली लाए गए हैं। मंगलवार रात एएआईबी कार्यालय में तकनीशियनों ने ब्लैक बॉक्स से डेटा रिकवर करने का काम शुरू कर दिया। बयान में कहा गया है कि विमान के अगले ब्लैक बॉक्स का क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (सीपीएम) बरामद कर लिया गया है। बुधवार को ब्लैक बॉक्स से मेमोरी मॉड्यूल बरामद किया गया। डेटा को एएआईबी प्रयोगशाला में डाउनलोड कर लिया गया है। फिलहाल सीवीआर और एफडीआर डेटा की जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि जांच पूरी होने के बाद दुर्घटना के कारणों का पता चल सकेगा।