Ahmedabad Plane Crash : शव के रूप में कुछ खास नहीं बचा है। कुछ क्षत-विक्षत शव हैं, हाथ-पैर के जले हुए टुकड़े हैं। कौन-सा शव किसका है, यह बताने का कोई तरीका नहीं है। डीएनए जांच ही एकमात्र उपाय है! अहमदाबाद में विमान दुर्घटना को सात दिन बीत चुके हैं। सात दिनों से परिजन अपने प्रियजनों के शवों के टुकड़े मिलने का इंतजार कर रहे हैं। शवों की पहचान की प्रक्रिया चल रही है। अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे में मारे गए लोगों के डीएनए सैंपल के मिलान की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
211 लोगों के डीएनए सैंपल का मिलान
अब तक 211 लोगों के डीएनए सैंपल का मिलान हो गया है और उनके परिजनों से भी संपर्क साधा गया है। 189 शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। जल्द ही बाकी अन्य मृतकों के डीएनए का मिलान कर लिया जाएगा। इसके बाद शेष पार्थिव अवशेष जल्द ही परिजनों को सौंप दिए जाएंगे। दूसरी ओर,घटनास्थल पर मृतकों के कीमती सामानों की जांच कर उनके परिजनों को सौंपा जा रहा है। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक राकेश जोशी ने कहा कि डीएनए प्रक्रिया की मिलान के बाद पार्थिव शरीर जल्द से जल्द सौंप दी जाएगी हमारे तरफ से पार्थिव शरीर देने में किसी तरह की देरी नहीं की जा रही है।
12 जून को हुई थी विमान हादसा
दरअसल,12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए रवाना हुई एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या एआई- 171 अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ाने भरने के कुछ मिनट बाद मेघानीनगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 2 पायलट, 10 केबिन क्रू सदस्य और 230 यात्री शामिल थे। इस हादसे में विमान सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई। दुर्घटना इतनी भयावह थी कि ज़्यादातर यात्री जलकर मर गए। फोरेंसिक विशेषज्ञों को ख़ास तौर पर बच्चों के अवशेषों की पहचान करने में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। विमान में सवार 12 साल से कम उम्र के 13 बच्चों में से कई की उम्र 6 साल से कम थी। तीन की उम्र तो 2 साल से भी कम थी।
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