Farmers Protest: किसान जो पूरे देश की अर्थव्यवस्था संभाले है वही किसान सड़को पर उतरने को आज मजबूर हैं। ऐसे में सरकार का कहना है कि उनका इस आदोलन पर पूरा कंट्रोल हैं पर इसमें कितनी सच्चाई हैं ये सरकार खुद ज्यादा अच्छे से जानती है।क्योंकि पंजाब-हरियाणा के शंभू बार्डर पर पिछले 7दिनों से आंदोलन लगातार चल रहा हैं। कल रविवार को चौथे दौर की बैठक चली जिसका किसानों पर कोई असर देखने को मिला इस बैठक मे केंद्र सरकार ने 4फसलों पर MSP देने का प्रस्ताव दिया है। वहीं केंद्र सरकार ने उङद अरहर कपास औप मक्का पर MSP देने की बात की है, लेकिन किसान इससे खुश होते नही दिखे।
Read more : BJP में शामिल होने की अटकलों पर कमलनाथ ने लगाया विराम,कहा..कैसे जा सकते हैं?
किसानों के तरफ से 2दिन और सोचने का अल्टीमेटम
वहीं केंद्र सरकार को किसानों के तरफ से 2दिन और सोचने का अल्टीमेटम दिया गया है।इसके अलावा चडीगढ मे चल रहे इस बैठक में वाणिज्य और उद्योग मंत्री गोयल, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा,गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान भी मौजुद रहे।ये बैठक रात 8बजकर 15मिनट पर शुरू हुआ और करीब 4घंटो तक चला बैठक के बाद वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने मीडिया से बातचीत मे कहा कि- ‘नवोन्मेषी’ और ‘लीक से हटकर’ सुझाव रखा गया है।
वही किसान नेता 20फरवरी की शाम को अपना फैसला सुनाने की बात कही हैं।किसानों के चढूनी गुट के द्वारा ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारी हो गई हैं। टिकेत ब्रदर्स भी इस आंदोलन अब काफी एक्टिव देखने को मिल रहे हैं। राकेश टिकेत ने 21फरवरी को जिला कलेक्ट्रट के बाहर प्रदर्शन करने की बात कही हैं।अब देखना है कि क्या केंद्र सरकार के कंट्रोल में किसान आंदोलन हैं या किसान होंगे आउट आँफ कंट्रोल?
Read more : ‘अब UP विकसित प्रदेश बनने की ओर अग्रसर’GBS 4.O में बोले CM योगी
किसान संगठनों से बातचीत करने की अपील – अर्जुन मुंडा
बुधवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने एक बार फिर से किसान संगठनों से बातचीत करने की अपील की और कहा कि-” सरकार किसान संगठनों के साथ बातचीत के लिए तैयार है और सरकार की ये कोशिश जारी रहेगी।इसके साथ ही उन्होंने किसान संगठनों से भी सभी पक्षों का ध्यान रखने और असामान्य स्थिति पैदा नहीं करने का आग्रह किया।
इसके अलावा उन्होनें ने कहा कि-” इन संगठनों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आम जनजीवन को बाधित ना करें और आम जनजीवन को किसी तरह से परेशान न हो। सामान्य लोगों के लिए कठिनाई पैदा करने से समस्या के समाधान की बजाय समस्या और अधिक उलझती रहेगी। इसलिए वो किसान संगठनों से बातचीत का माहौल बनाए रखने और बातचीत के जरिए ही समाधान का रास्ता ढूंढने का आग्रह रहे है।”
Read more : “5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी में यूपी का 1 ट्रिलियन योगदान” -अनुप्रिया पटेल
विपक्षी नेताओं के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा..
मुंडा ने कहा कि- “किसान संगठनों के साथ हमेशा रचनात्मक और सकारात्मक ढंग से बातचीत करने की सरकार की कोशिश जारी रहेगी और सरकार बातचीत करने के लिए हमेशा तैयार हैं।इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने किसान संगठनों से सभी पक्षों का भी ध्यान रखने का आग्रह करते हुए कहा कि-“किसान संगठनों को भी यह बात समझना बहुत ज़रूरी है कि जो क़ानून की बात की जा रही है (किसान संगठनों की मांगें), उन क़ानून के बारे में इस तरह से कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है।
“जिसकी वजह से बाद के दिनों की स्थिति के बारे में लोग आलोचना करें।उन्होंने आग्रह किया कि -इसके बजाय यह कोशिश करनी चाहिए कि सभी पक्षों का ध्यान रखा जाए और उस पर चर्चा करें। राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुंडा ने कहा कि वे किसान संगठनों से यही अपील करेंगे कि वो राजनीति से प्रेरित होकर कोई भी काम न करें।”