बाराबंकी संवाददाता- आनन्द अवस्थी…
बाराबंकी: लाखों की संख्या में पहुंचकर श्रद्धालुओं कर रहे जलाभिषेक मंदिरों पर आस्था उमड़ रही है। हर कोई भगवान भोलेनाथ की आराधना में लगा हुआ है। बाराबंकी जिले के शुभ प्रसिद्ध लोधेश्वर धाम जहां पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदिनाथ दो बार आकर कर चुके हैं।

पूजा अर्चना स्थित लोधेश्वर महादेव शिवलिंग की स्थापना पांडवों ने की थी महाभारत काल में अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने यहां पर प्रवास किया था। जहां पर आज भी कुरुक्षेत्र हैं जहां से अर्जुन अपने बाण से सेना को जल पिलाने ने के लिए स्थापित किए थे उस वक्त भीम ने शिवलिंग की स्थापना की थी है काले कसौटी के पत्थरों से यह शिवलिंग निर्मित है।स्थापित होने के बाद सरयू घाघरा के कटान से शिवलिंग नदी में चली गई थी नदी के छूटने के बाद लोधी नाम का व्यक्ति ने हाल से खेत की जुताई कर रहा था।
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5000 वर्ष पूर्व महाभारत काल का है…

तभी हर लगने से वहां से दूध निकलने लगा जानकारी होने पर लोगों ने स्थापित शिवलिंग की पूजा अर्चना करने लगे लोधेश्वर नाम हो गया पुरातत्व विभाग की जांच में पता चला कि यह शिवलिंग 5000 वर्ष पूर्व महाभारत काल का है। जिला मुख्यालय से 33 किमी की दूरी पर लोधेश्वर मंदिर स्थित है। इसके समीप रामनगर तहसील व थाना मुख्यालय कस्बा है।
यहां पहुंचने के लिए जिला मुख्यालय से रोड़वेज बस रामनगर तक ,आटोरिक्शा महादेवा तक व लखनऊ बाराबंकी अन्य शहरों बुढ़वल रेलवे स्टेशन तक श्रद्धालु आते है व निजी साधनों से पहुंचते हैं।मंदिर में स्थापित शिवलिंग सबसे यहां दर्शन अवधि में नेपाल तक से श्रद्धालु पूजन अर्चन के लिए पहुंचते हैं। पुजारी दसरथ प्रसाद अवस्थी ने बताया कि पौराणिक लोधेश्वर मंदिर का अलग महत्व है।

इसकी स्थापना पांडवों ने की थी। यहां का शिवलिंग नीचे है। यहां पर जलाभिषेक का विशेष महत्व है।यहां पर स्थापित शिवलिंग की नीचे है बच्चे ,बुजुर्ग जलाभिषेक करते सकते हैं। सावन माह भगवान भोलेनाथ का माह है। इसका विशेष महत्व है। इसलिए इस माह में पड़ने वाले सोमवार व शुक्रवार को भगवान शिव का पूजन करने से मन वांछित फल प्राप्त होता है।