ड्यूटी खत्म होने पर यात्रीयों से भरी ट्रेन बीच रास्ते में छोड़ आराम करने चला गया ड्राइवर…

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

यूपी के बाराबंकी जिले के बुढ़वल जंक्शन पर लापरवाही के चलते दो ट्रेनें कई घंटों तक स्टेशन पर खड़ी रहीं और इस पर सवार हजारों यात्री बेहाल हुए। जब मामला सामने आया है, तो पता चला कि ड्राइवर की ड्यूटी खत्म होने के बाद वो आराम करने चला गया।

Barabanki News: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में रेलवे से एक लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां ड्यूटी खत्म होने के बाद ट्रेन का ड्राइवर आराम करने चला गया। वहीं कई घंटों तक ट्रेनों के न चलने से परेशान यात्रियों ने स्टेशन पर हंगामा शुरू कर दिया। तभी यात्रियों के जोरदार हंगामे पर रेलवे विभाग ने आनन-फानन ड्यूटी के दूसरे चालकों को लखनऊ से बुढ़वल लाया गया, जिसके बाद ट्रेनों को आगे के लिए रवाना किया गया। मिली जानाकरी के मुताबिक ट्रेन में 2500 से भी ज्यादा यात्री सफ़र कर रहे थे।

यात्रियों की मदद करने के बजाय स्टेशन मास्टर हाथ खड़े कर दिया…

घंटों तक स्टेशन पर खड़ी रहीं तो यात्रियों को कुछ समझ में नहीं आया कि ट्रेन क्यों खड़ी है। जब उन्होंने रेलवे स्टेशन पर जाकर पूछताछ की तो पता चला कि ट्रेन के ड्राइवर की ड्यूटी खत्म हो गई है। इसलिए वह अब आगे नहीं जाएगा। यात्रियों ने जब दूसरे ड्राइवर की व्यवस्था करने को कहा तो स्टेशन मास्टर ने कोई जवाब नहीं दिया और यात्रियों की मदद करने के बजाय अपने हाथ खड़े कर दिया। जिसके बाद परेशान हजारों यात्रियों ने स्टेशन पर हंगामा शुरू कर दिया और दूसरी ट्रेन को जबरदस्ती रुकवा दिया। स्थिति बिगड़ता देखकर पुलिस भी मौके पर पहुंची। वहीं बवाल बढ़ता देखकर रेलवे के अधिकारियों ने किसी तरह ट्रेन के ड्राइवर को समझा-बुझाकर ट्रेन को आगे रवाना किया।

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यात्री ने जाहिर की नाराजगी…

दूसरी ट्रेन, बरौनी जो पहले से ही पांच घंटे 30 मिनट से अधिक देरी से चल रही थी और शाम 4.04 बजे बुढ़वल जंक्शन पहुंची, उसमें भी ट्रेन के कर्मचारी लोकोमोटिव इंजन छोड़कर चले गए। यात्रियों का कहना है, कि हमारी यात्रा अधिकतम 25 घंटे 20 मिनट में खत्म होनी थी, लेकिन इस स्पेशल ट्रेन में यह तीसरा दिन है। यात्रियों का कहना था कि यह हमारे जैसे गरीब यात्रियों के लिए भारतीय रेलवे द्वारा बनाई गई एक विशेष यातना है।

खाने पीने के सामान के लिए मची रही लूट…

छोटे स्टेशन पर घंटों ट्रेन के खड़ी रहने से पानी और खाने-पीने के सामानों की भी किल्लत हो गई। स्टेशन के बगल और बाहर जो दुकाने थीं, वहां का पूरा सामान कुछ देरे में ही खत्म हो गया। दुकानदारों ने दो गुना-तीन गुना दामों पर सामान बेचकर मुनाफा भी कमाया।

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