Sebi Action: प्रतिभूति बाजार नियामक सेबी द्वारा अनिल अंबानी (Anil Ambani) और उनकी कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद उनके शेयरों में भारी गिरावट आई. सेबी ने अनिल अंबानी, रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के पूर्व प्रमुख अधिकारियों और अन्य 24 संस्थाओं को कंपनी से धन निकालने के आरोप में पांच साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है. इस कार्रवाई के तुरंत बाद, रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के शेयर एनएसई पर 5.12 प्रतिशत गिरकर 4.45 रुपये और बीएसई पर 4.90 प्रतिशत गिरकर 4.46 रुपये पर आ गए.
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों पर प्रभाव

बताते चले कि इस प्रतिबंध के परिणामस्वरूप, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर भी बीएसई पर 10.83 प्रतिशत गिरकर 209.90 रुपये और एनएसई पर 8.89 प्रतिशत गिरकर 214.76 रुपये पर ट्रेड करते दिखे. इसके अलावा, रिलायंस पावर के शेयर बीएसई और एनएसई पर 5-5 प्रतिशत गिरकर क्रमशः 34.45 रुपये और 34.48 रुपये पर आ गए.
सेबी की कार्रवाई और जुर्माना
आपको बता दे कि सेबी ने अनिल अंबानी (Anil Ambani) और उनके संबंधित संस्थाओं पर गंभीर आरोप लगाए है. सेबी ने अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया और उन्हें पांच साल के लिए प्रतिभूति बाजार से जुड़ने, किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय कर्मी के रूप में कार्य करने, या बाजार नियामक के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ से जुड़ने से रोक दिया.इसके साथ ही, नियामक ने आरएचएफएल को छह महीने के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है.
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धोखाधड़ी योजना का खुलासा

सेबी ने आरएचएफएल मामले में अंतिम आदेश पारित करते हुए बताया कि अनिल अंबानी (Anil Ambani) ने आरएचएफएल के प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों की मदद से एक धोखाधड़ी योजना बनाई थी. इस योजना के तहत, उन्होंने अपनी संस्थाओं को ऋण जारी करने के लिए कंपनी से धन निकाला. फरवरी 2022 में, सेबी ने एक अंतरिम आदेश पारित किया था और आरएचएफएल, अंबानी और तीन अन्य व्यक्तियों (अमित बापना, रवींद्र सुधाकर और पिंकेश आर शाह) को अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था.
बाजार पर व्यापक प्रभाव

मध्य सत्र के कारोबार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 57.32 अंक या 0.07 प्रतिशत बढ़कर 81,110.51 पर कारोबार कर रहा था, जबकि एनएसई निफ्टी 29.35 अंक या 0.12 प्रतिशत चढ़कर 24,840.85 पर पहुंच गया. हालांकि, अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों से संबंधित शेयरों में आई गिरावट ने पूरे बाजार में चिंता पैदा की है और निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित किया है.
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शेयरों में भारी गिरावट

सेबी की कार्रवाई ने अनिल अंबानी (Anil Ambani) और उनकी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट का कारण बनी है. इस प्रकार की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि नियामक वित्तीय कदाचार और धोखाधड़ी के मामलों को गंभीरता से लेता है. अब देखना यह होगा कि इस विवाद से संबंधित आगे की कानूनी और नियामक कार्रवाइयां क्या परिणाम लाती हैं