सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में बालकराम की प्राण प्रतिष्ठा हुई जिस पर पाकिस्तान समेत 57 इस्लामिक देशों को मिर्ची लग गई है.ओआईसी यानी 57 मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉरपोरेशन ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर आपत्ति जाहिर की है.ओआईसी देशों का कहना है कि,जिस स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है उस जगह पर 5 दशकों से बाबरी मस्जिद खड़ी थी।
मुस्लिम देशों के संगठन ने राम मंदिर पर जताई चिंता
इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिव ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और उद्घाटन पर गंभीर चिंता व्यक्त की है.ओआईसी के आधिकारिक बयान के मुताबिक,इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिव ने अयोध्या में पहले से बनी बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर हाल में बनी राम मंदिर के निर्माण और उद्घाटन पर चिंता व्यक्त की.इससे पहले अपने पिछले सत्रों में विदेश मंत्रियों की परिषद द्वारा व्यक्त ओआईसी की स्थिति के अनुरुप जनरल सचिवालय इन कार्यों की निंदा करता है.इसका लक्ष्य बाबरी मस्जिद जैसे इस्लामिक स्थलों को नष्ट करना है,जो 5 शताब्दियों से उस जगह पर बाबरी मस्जिद के रुप में खड़ी थी।
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पाकिस्तान का बयान आने के बाद दी प्रतिक्रिया
आपको बता दें कि,ओआईसी से पहले पाकिस्तान ने भी राम मंदिर पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा था कि,अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद का एक संकेत है.वहीं सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ओआईसी का बयान पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के बौखलाहट के बाद आया है।इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रायल ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा समारोह का विरोध किया है। पाकिस्तान ने इसे ‘बढ़ते हिंदू राष्ट्रवाद का प्रतीक और भारत के मुस्लिम समुदाय का अपमान’ बताया है। पाकिस्तान ने कहा कि,पिछले 31 सालों में हुई घटनाएं, खासकर राम मंदिर का उद्घाटन, ‘भारत में बढ़ते हिंदू राष्ट्रवाद का संकेत हैं।सिर्फ इतना ही नहीं पाकिस्तान ने भारत में मौजूद अन्य मस्जिदों के भविष्य को लेकर भी अपनी चिंता जताई है।
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OIC में 57 मुस्लिम देश शामिल
ओआईसी यानी ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉरपोरेशन मुस्लिम देशों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक संगठन है.जिसका नेतृत्व सऊदी अरब करता है.दुनिया के मुस्लिम देशों की संयुक्त आवाज माने जाने वाले इस संगठन का मकसद अंतरराष्ट्रीय शांति और सद्भाव को कायम रखते हुए मुस्लिम दुनिया के हितों की रक्षा करना है.ओआईसी की स्थापना 1969 में हुई थी,इसके पीछे 21 अगस्त 1969 की एक घटना थी जिसमें येरूशलम की अल आक्सा मस्जिद में आग लगा दी गई थी. येरूशलम के पूर्व मुफ्ती आमिन अल हुसैनी ने इस आगजनी को यहूदियों का अपराध बताया था और दुनिया के मुस्लिम देशों के प्रमुखों को एक सम्मेलन बुलाने को कहा था. इसके सदस्य देशों की संख्या 57 है।