मैगी के बाद फिर विवादों में फंसी नेस्ले, सामने आया ‘पब्लिक आई’ का जांच रिपोर्ट..

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Nestle Baby Products Controversy:विश्व प्रसिद्ध फूड कंपनी नेस्ले अपने प्रोडक्ट्स को लेकर एक बार फिर विवादों में घिर गई है. दरअसल, स्विट्जरलैंड की कंपनियों पर निगरानी रखने वाली वेबसाइट ‘पब्लिक आई’ की जांच में पता चला है कि नेस्ले जब इन बेबी-फूड प्रोडक्ट्स को ब्रिटेन, जर्मनी जैसे विकसित देशों में बेचता है, तो उसमें चीनी नहीं होती है. जबकि भारत में इन्ही प्रोडक्ट्स में भारी मात्रा में चीनी का इस्तेमाल किया जाता है.

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वही, ‘पब्लिक आई’ की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि, दुनिया की सबसे बड़ी उपभोक्ता उत्पाद कंपनी नेस्ले के दूध और बच्चों से जुड़े उत्पादों में मोटापे और गंभीर बीमारियों को रोकने के लिए जारी दिशानिर्देशों के विपरीत चीनी और शहद जैसी चीजें मिला रही है. अब इस मामले के सामने आने के बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है.

नेस्ले के 15 सेरेलैक बेबी प्रोडक्ट्स में पाई गई चीनी

‘पब्लिक आई’ के जांच में पता चला कि, भारत में बिकने वाले सभी 15 सेरेलैक बेबी प्रोडक्ट्स में खाने के लिए दी जाने वाली तय मात्रा में औसतन 3 ग्राम चीनी होती है. जबकि, कंपनी की तरफ से बताया जाता है कि एक बार में बच्चों को सेरेलैक की कितनी मात्रा देनी होती है. अफ्रीका के इथियोपिया और एशिया के थाईलैंड जैसे देशों में तो चीनी 6 ग्राम तक पाई गई है. ऐसे में गौर करने वाली बात ये है कि जब यही प्रोडक्ट्स जर्मनी और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में बेचे जाते हैं, तो उसमें चीनी की मात्रा बिल्कुल ही नही होती या तो न के बराबर ही होती है.

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3 साल से कम उम्र के बच्चों को शुगर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए

WHO के गाइडलाइन के अनुसार, 3 साल से कम उम्र के बच्चों के खाने के प्रोडक्ट में किसी भी प्रकार के शुगर का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, इससे बच्चों के अंदर मोटापे और गंभीर बीमारियों की समस्या हो सकती है.

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नेस्ले भारत में 3 ग्राम चीनी का करता है इस्तेमाल

‘पब्लिक आई’ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बिकने वाले नेस्ले के बच्चों से जुड़े उत्पादों की हर सर्विंग में करीब 3 ग्राम चीनी पाई गई. चीनी की इस मात्रा के बारे में पैकेट पर कंपनी की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है.

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कैसे हुआ खुलासा?

असल में, नेस्ले की ओर से गरीब और विकासशील देशों में बेचे जा रहे उत्पादों में चीनी मिलाने का खुलासा तब हुआ जब स्विस जांच संगठन पब्लिक आई और IBFAN (इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क) ने एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में बेचे जाने वाले कंपनी के बेबी फूड उत्पादों के नमूने बेल्जियम की प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजे.

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