Drishti IAS Coaching सील होने के बाद विकास दिव्यकीर्ति ने तोड़ी चुप्पी..कहा-‘यह समस्या इतनी सरल नहीं जितनी ऊपर से दिखती’

Aanchal Singh
By Aanchal Singh
Drishti IAS Coaching

Coaching Incident: 27 जुलाई को ओल्ड राजेंद्र नगर (Old Rajendra Nagar) के राव आईएएस कोचिंग संस्थान (Rao IAS Coaching Institute) के बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत हो गई. इस घटना ने कोचिंग सेंटर्स के कड़े सच को एक बार फिर समाज के सामने ला दिया. छात्र और उनके परिवार इस दुर्घटना के बाद कोचिंग सेंटर्स के चर्चित चेहरों जैसे अवध ओझा और विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti) पर सवाल उठाने लगे. सोशल मीडिया पर छात्रों ने इन चेहरों की मौन स्थिति पर भी तंज कसा. घटना के तीन दिन बाद और कोचिंग सेंटर को सील किए जाने के बाद, विकास दिव्यकीर्ति ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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विकास दिव्यकीर्ति का बयान

विकास दिव्यकीर्ति का बयान

बताते चले कि विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti) ने अपने बयान में सबसे पहले देरी से अपनी बात रखने पर खेद जताया. उन्होंने कहा कि वे नहीं चाहते थे कि अधूरी जानकारी के आधार पर कुछ कहा जाए और इस देरी के लिए माफी भी मांगी. उन्होंने शनिवार की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वे पीड़ित परिवारों के साथ हैं और अगर वे किसी भी तरह से उनकी मदद कर सकें तो वे कृतज्ञता महसूस करेंगे.

छात्रों के रोष पर टिप्पणी

इसी कड़ी में आगे विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti) ने कहा कि इस दुर्घटना को लेकर छात्रों में जो रोष दिख रहा है, वह पूरी तरह न्यायसंगत है. उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छा होगा यदि इस रोष को एक सटीक दिशा मिले और सरकार कोचिंग संस्थानों के लिए ठोस दिशानिर्देश लागू करे. दिव्यकीर्ति ने आश्वासन दिया कि वे इस संबंध में सरकार के साथ सक्रिय सहयोग करने के लिए तत्पर हैं.

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‘कोचिंग संस्थानों के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं दिए गए’

'कोचिंग संस्थानों के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं दिए गए'

आपको बता दे कि विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti) ने आगे कहा कि कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या इतनी सरल नहीं है, जितनी ऊपर से दिखती है. इसके कई पहलू हैं जो कानूनों की अस्पष्टता और अंतर्विरोध से जुड़े हैं. उन्होंने बताया कि डीडीए, एमसीडी और दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में असंगति है. इसके साथ ही, ‘दिल्ली मास्टरप्लान-2021’, ‘नेशनल बिल्डिंग कोड’, ‘दिल्ली फायर रूल्स’, और ‘यूनिफाइड बिल्डिंग बाई-लॉज़’ के प्रावधानों में भी काफी अंतर्विरोध है. ‘दिल्ली मास्टरप्लान-2021’ को छोड़कर किसी भी दस्तावेज में कोचिंग संस्थानों के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं दिए गए हैं. दिव्यकीर्ति ने उम्मीद जताई कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति जब अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, तो इन बिंदुओं का समाधान निकाला जा सकेगा.

स्थायी समाधान के सुझाव

स्थायी समाधान के सुझाव

विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti) ने कहा कि इस समस्या का स्थायी समाधान यह है कि सरकार दिल्ली में तीन-चार क्षेत्रों को चुनकर उन्हें कोचिंग संस्थानों के लिए नियत करे. अगर सरकार खुद क्लासरूम्स, लाइब्रेरीज़ और हॉस्टल तैयार कराएगी, तो न केवल किराए की समस्या समाप्त होगी, बल्कि सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इस विषय की जटिलताओं को स्पष्ट करने के लिए वे जल्द ही एक विस्तृत विश्लेषण (लेख या वीडियो) जारी करेंगे ताकि सभी विद्यार्थियों और अन्य हितधारकों को सभी पक्षों का सही अनुमान मिल सके.

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