Akbarnagar News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कुकरैल नदी के किनारे अवैध रुप से बसे अकबरनगर में प्रशासन की ओर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई.जिला प्रशासन की टीम ने अकबरनगर में आखिरी बची मस्जिद को भी देर रात पुलिस बल की मौजूदगी में गिरा दिया.अकबरनगर में काफी दिनों से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है
यहां अवैध रुप से बने मकानों को पहले ही गिरा दिया गया था जिसके बाद शासन ने धार्मिक स्थलों को सबसे आखिरी में तोड़ने का फैसला किया था.प्रशासन की ओर से अब यहां मलबा हटाने का काम किया जाएगा।
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अवैध रुप से बने मकान हुए जमींदोज
आपको बता दें कि,कुकरैल नदी की जमीन पर लोगों ने अवैध रुप से मकान,कॉम्प्लेक्स,शोरुम और बड़ी-बड़ी बिल्डिंगें बना ली थी.शासन के निर्देश पर यहां सुंदरीकरण किया जाना है.कुकरैल नदी के किनारे की जमीन पर योगी सरकार रिवर फ्रंट बनाकर ईको टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहती है जिसके कारण ही यहां 1800 से अधिक अवैध निर्माण जमींदोज किए जा चुके हैं.
दिसंबर 2023 से यहां पर अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरु हुआ था.शासन के निर्देश पर सर्वे के दौरान नदी की जमीन पर बड़ी संख्या में अवैध निर्माण की बात सामने आई थी.अकबरनगर के लोगों को पुनर्वास के लिए एलडीए की तरफ से फ्लैट दिए गए हैं.अब तक 1200 लोगों को उनके फ्लैट में शिफ्ट किया जा चुका है लेकिन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से लोगों के बीच नाराजगी भी देखने को मिल रही है।
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धार्मिक स्थलों पर भी गरजा बुलडोजर
मंगलवार की रात को अकबरनगर में एक बार फिर से बुलडोजर एक्शन देखने को मिला है.यहां अवैध तरीके से बने मंदिर,मस्जिद और मदरसे को रात में ढहा दिया गया है.24.5 एकड़ में बने अवैध निर्माणों पर भी प्रशासन का बुलडोजर खूब गरजा है.कुकरैल नदी की जमीन पर अवैध रुप से बने 1169 आवास और 101 कॉमर्शियल निर्माण को ध्वस्त किया गया है.प्रशासन की ओर से अब यहां पर मलबा हटाने का काम तेजी से कराया जा रहा है।
आपको यहां बताते चलें कि,योगी सरकार अब इस क्षेत्र को ईको टूरिज्म का हब बनाने में जुटी है लेकिन जब यहां ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चली तो लोगों ने अपने घरों को बचाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी.अकबरनगर के स्थानीय लोग बुलडोजर एक्शन को रोकने के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीमकोर्ट तक गए लेकिन उन्हें वहां से राहत नहीं मिल सकी.सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर ही एलडीए की ओर से ये ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई।