Adani Group News: अडानी पावर लिमिटेड के शेयर इस समय चर्चा में हैं क्योंकि अडानी समूह की इस कंपनी ने बताया है कि उसका बोर्ड 29 जनवरी 2025 को एक बैठक करेगा, जिसमें धन जुटाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। कंपनी ने कहा कि वह गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर और इक्विटी शेयर जारी करके धन जुटाने की योजना बना रही है। यह कदम कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय गतिविधि हो सकता है, जिससे भविष्य में कंपनी की विकास योजनाओं को और मजबूती मिल सकती है।
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शेयर बाजार में अडानी पावर का प्रदर्शन

शुक्रवार को बीएसई पर अडानी पावर के शेयर 521.50 रुपये के पिछले बंद भाव के मुकाबले 1.27% गिरकर 514.90 रुपये पर बंद हुए। अडानी पावर का मार्केट कैप घटकर 1.98 लाख करोड़ रुपये रह गया है। इसके अलावा, बीएसई पर अडानी पावर के कुल 3.3 लाख शेयरों का कारोबार हुआ, जिससे कुल कारोबार 17.23 करोड़ रुपये का रहा। इस गिरावट के बावजूद, कंपनी की शेयर कीमत में कुछ उतार-चढ़ाव के संकेत मिलते हैं, जो निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू हो सकते हैं।
तकनीकी विश्लेषण: अडानी पावर का स्टॉक और संकेत
तकनीकी दृष्टिकोण से, अडानी पावर के शेयर न तो ओवरसोल्ड क्षेत्र में हैं, इसका संकेत कंपनी के सापेक्ष शक्ति सूचकांक (RSI) से मिलता है, जो 47.3 पर है। इसका मतलब है कि स्टॉक न तो अत्यधिक बिकवाली का शिकार हुआ है और न ही अधिक खरीदी के दबाव में है। इसके अलावा, अडानी पावर का स्टॉक 5 दिन, 10 दिन, 20 दिन, 30 दिन, 50 दिन, 100 दिन, 150 दिन और 200 दिन की चलती औसत से कम पर कारोबार कर रहा है, जो इसकी कमजोरी को दर्शाता है और संकेत देता है कि कंपनी को अपनी स्थिति सुधारने के लिए कदम उठाने होंगे।
कंपनी का धन जुटाने का प्रस्ताव

अडानी पावर ने बताया कि कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक में 29 जनवरी 2025 को यह प्रस्ताव विचाराधीन होगा कि वह गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) के माध्यम से पहले से स्वीकृत धन जुटाने की सीमा को 5,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 11,000 करोड़ रुपये कर सकती है। इस धन को सार्वजनिक निर्गम, निजी प्लेसमेंट या इन दोनों का मिश्रण के माध्यम से जुटाया जा सकता है। यह प्रस्ताव 28 अक्टूबर 2024 की पिछली बोर्ड बैठक के प्रस्तावों के स्थान पर है। यह योजना इस बात का संकेत देती है कि कंपनी अपने वित्तीय ढांचे को मजबूत करने के लिए कदम उठा रही है।
इक्विटी शेयरों के माध्यम से धन जुटाने की संभावना

कंपनी ने आगे कहा कि वह 5,000 करोड़ रुपये तक की राशि इक्विटी शेयरों या अन्य पात्र प्रतिभूतियों (जैसे कि प्रतिभूति) जारी करके भी जुटा सकती है। इसके लिए निजी प्लेसमेंट, योग्य संस्थानों का प्लेसमेंट, तरजीही निर्गम या कोई अन्य तरीका अपनाया जा सकता है। हालांकि, यह प्रक्रिया कंपनी के शेयरधारकों की मंजूरी और नियामक अनुमोदनों के अधीन होगी। यह कदम अडानी पावर की वित्तीय स्थिति को सुधारने और कंपनी को अधिक लचीला बनाने के उद्देश्य से उठाए जा रहे हैं।
अडानी पावर के लिए यह वित्तीय कदम एक बड़ी रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिससे कंपनी अपने विकास और विस्तार योजनाओं के लिए पूंजी जुटाने में सक्षम होगी। हालांकि, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और तकनीकी संकेतक इसे जोखिमपूर्ण बना सकते हैं, लेकिन कंपनी की यह योजना इसके दीर्घकालिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। निवेशकों को इस प्रस्ताव का बारीकी से पालन करना होगा, क्योंकि इससे कंपनी के भविष्य के लिए नई संभावनाएं खुल सकती हैं।