देवरिया कांड को लेकर रिटायर अधिकारियों पर भी कार्रवाई, CM योगी का एक्शन

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Deoria: उत्तर प्रदेश के देवरिया में हुए हत्याकांड को लेकर CM योगी एक्शन में हैं। एक ही परिवार के 6 लोगों की निर्मम हत्या के बाद CM योगी ने घटना की गहन समीक्षा की। CM योगी ने कड़ी से कड़ी कारवाई के निर्देश दिए हैं। कड़ी कारवाई के निर्देश के बाद लापरवाही बरतने वाले राजस्व कर्मियों और पुलिसकर्मियों सहित 15 अधिकारियों पर गाज गिरी हैं।

जिसके बाद CM योगी ने सख्त रुख अपनाते हुए रिटायर हुए अधिकारी पर भी गाज गिरी हैं। जिसमें CM योगी ने कहा कि दोषी कोई भी हो, हर एक पर कार्रवाई की जाएगी। पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए CM योगी ने सख्त रुख अपनाते हुए लापरवाह तहसीलदारों, क्षेत्राधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के आदेश दे दिए हैं।

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विभागीय कार्रवाई की जाए

आपको बता दे कि CM योगी ने राजस्व और पुलिस विभाग के विभिन्न अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध निम्न विवरण के अनुसार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिसमें उन्होंने कहा कि वर्तमान उपजिलाधिकारी योगेश कुमार गौड़ और क्षेत्राधिकारी रुद्रपुर जिलाजीत को तत्काल निलंबित किया जाए। पूर्व में उपजिलाधिकारी रहे राम विलास, ओम प्रकाश, ध्रुव शुक्ला और संजीव कुमार उपाध्याय के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाए।

अतिरिक्त आरोप पत्र जारी किया जाए

वही उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त तहसीलदार वंशराज राम और सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक रामानन्द पाल के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू करें। अभय राज (वर्तमान में निलंबित तहसीलदार) को अतिरिक्त आरोप पत्र जारी किया जाए। रामाश्रय तत्कालीन तहसीलदार, सम्प्रति तहसीलदार जनपद बलरामपुर को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई संस्थित की जाए तथा केशव कुमार तहसीलदार रूद्रपुर को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई की जाए। विशाल नाथ यादव (राजस्व निरीक्षक), राजनन्दनी यादव (क्षेत्रीय लेखपाल), अखिलेश (लेखपाल) को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई की जाए।

खौफ का माहौल बना हुआ

6 लोगों की मौत से पूरे गांव में मातम हो रखा हैं। सब के अंदर खौफ का माहौल बना हुआ हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल में इलाजरत बच्चे का हालचाल जाना।

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पुलिस सूत्रों ने बताया

वही पुलिस सूत्रों ने बताया कि रुद्रपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोले में पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की सोमवार को उनके प्रतिद्वंद्वी सत्यप्रकाश दुबे और उनके परिवार ने कथित तौर पर हत्या किए जाने के बाद प्रेमचंद यादव के समर्थकों ने दुबे और उनके परिवार पर हमला कर दिया। हमला काफी ज्यादा दर्दनाक था। इस हमले में उनकी पत्नी और तीन बच्चों सहित उनके परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गयी थी।

दोनों पक्षो ने मामला दर्ज कराया

हमला होने के बाद दोनों पक्षो ने मामला दर्ज कराया। जिसके बाद पुलिस ने 16 लोगों को गिरफ्तार कर लिया हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पहले मुकदमे के तहत सत्यप्रकाश दुबे की बड़ी बेटी शोभिता द्विवेदी की ओर से 27 नामजद और 50 अज्ञात सहित 77 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302(हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के अलावा अन्य के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है।

पुलिस ने कहा

दूसरी ओर, प्रतिद्वंद्वी प्रेमचंद यादव के रिश्तेदार अनिरुद्ध यादव की ओर से दर्ज कराई गई। FIR में सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी और बच्चों सहित पांच मृतकों को नामजद किया गया है। पुलिस ने कहा कि इस मामले में आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 147 (दंगा), 148 (सशस्त्र हथियारों के साथ दंगा), 149 (गैरकानूनी सभा) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

पूरे इलाके में मातम छाया

इस घटना के बाद से पूरे इलाके में मातम छाया हुआ हैं। इस वारदात में सत्यप्रकाश दुबे का आठ वर्षीय बेटा अनमोल घायल हो गया। घायल बेटा अनमोल को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। जहां पर उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज ही अस्पताल में उससे मुलाकात करके उसका हालचाल लिया था।

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पटनवा पुल के पास अंतिम संस्कार किया

आपको बता दे कि पुलिस क्षेत्राधिकारी जिलाजीत सिंह ने कहा कि सत्यप्रकाश दुबे और उनके परिवार के चार सदस्यों का सोमवार शाम को रामपुर कारखाना इलाके में पटनवा पुल के पास अंतिम संस्कार किया गया। जबकि प्रेमचंद यादव की अंत्येष्टि सरयू नदी के पास की गई। वही रुद्रपुर के उप जिलाधिकारी योगेश कुमार ने बताया कि ऐसी सूचना मिली है कि प्रेमचंद यादव ने सरकारी जमीन पर अपना घर बनाया है। अगर यह बात सच पाई गई तो इसे तोड़ा जा सकता है।

जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने कहा

बता दे कि देवरिया के जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने कहा था कि दो समूहों के बीच विवाद के बाद हुई इस घटना की जानकारी मिली है। उन्होंने सोमवार को कहा था घटना के पीछे का कारण गांव के दो परिवारों के बीच लंबे समय से चल रहा भूमि विवाद बताया गया है। सत्य प्रकाश दुबे के भाई साधु दुबे ने अपनी जमीन प्रेमचंद यादव को बेच दी थी और मामला सात साल पहले सुलझ गया था। विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने भी घटना स्थल का दौरा किया था।

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