Acharya Satyendra Das Death: उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन बुधवार, 12 फरवरी को हो गया। वे 85 वर्ष के थे और लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में उपचाराधीन थे। उन्हें 3 फरवरी को मस्तिष्काघात (ब्रेन स्ट्रोक) के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से पूरे आध्यात्मिक समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य नेताओं ने जताया शोक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक श्रद्धांजलि संदेश में लिखा, “परम रामभक्त, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येंद्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है।” उन्होंने प्रभु श्रीराम से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने की प्रार्थना की और शोक संतप्त शिष्यों और अनुयायियों को यह दुःख सहन करने की शक्ति देने की कामना की।
इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “श्रीराम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास जी का निधन अत्यंत दुःखद है। उनका पूरा जीवन रामलला के चरणों में बीता और उन्होंने श्रीराम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने लिखा, “श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी, प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त आचार्य सत्येंद्र दास जी के निधन की सूचना अत्यंत दुःखद व पीड़ादायक है। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से लेकर श्रीरामलला के पुनर्स्थापन तक उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। उनका निधन संत समाज तथा आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।”
अस्पताल द्वारा जारी बयान और स्वास्थ्य स्थिति
अस्पताल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आचार्य सत्येंद्र दास को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था और वे मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप से भी पीड़ित थे। उनकी स्थिति बिगड़ने के बाद उन्हें 3 फरवरी को लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में भर्ती कराया गया था। अस्पताल ने बताया कि आचार्य सत्येंद्र दास जी को न्यूरोलॉजी आईसीयू में रखा गया था और उन्होंने आज सुबह पीजीआई में अंतिम सांस ली।
महंत सत्येंद्र दास की जीवन यात्रा

महंत सत्येंद्र दास का जीवन रामलला के प्रति अडिग भक्ति और श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में उनकी प्रमुख भूमिका के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने अपने जीवन के कई दशक श्रीराम मंदिर के पुनर्निर्माण और उसके महत्व को बढ़ावा देने में बिताए। उनके निधन से अयोध्या और समूचे आध्यात्मिक जगत में एक खालीपन महसूस हो रहा है।
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