UP By-elections 2024: उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, और इसे लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस और अन्य दलों ने उपचुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर काम करना शुरू कर दिया है. वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन उपचुनावों में हिस्सा न लेने का फैसला किया है, जिसे पार्टी के नेता संजय सिंह (Sanjay Singh) ने स्पष्ट किया है.
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आम आदमी पार्टी का बड़ा फैसला
आपको बता दे कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह (Sanjay Singh) ने बयान दिया कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कहीं भी चुनाव नहीं लड़ेगी. संजय सिंह ने कहा, “हमारे जो साथी हैं, हम सब प्रयास करेंगे कि इंडिया गठबंधन की जीत 10 में से 10 विधानसभाओं सीटों पर हो.” संजय सिंह का मानना है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे यह संकेत देते हैं कि लोग अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जुमलों और बीजेपी के झूठे वादों से ऊब चुके हैं. इसलिए, आप पार्टी ने तय किया है कि वह उपचुनाव में हिस्सा लेने की बजाय इंडिया गठबंधन को समर्थन देगी और उसकी जीत सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी.
उपचुनाव के लिए सभी दलों की तैयारियां
उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी, सपा, कांग्रेस और अन्य दलों ने भी अपनी रणनीति तैयार कर ली है. बीजेपी ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) , डिप्टी सीएम और कई वरिष्ठ नेताओं को दो-दो सीटों पर जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी है. इसके अलावा, समाजवादी पार्टी ने भी कई सीटों पर अपने प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है. कांग्रेस ने प्रदेश की सभी 10 सीटों पर प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं, जिससे पार्टी चुनाव में पूरी ताकत के साथ उतरेगी. इसके अलावा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और आजाद समाज पार्टी ने भी उपचुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बसपा ने अपने उम्मीदवारों को तैयार कर मैदान में उतारा है, जबकि नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी भी चुनावी मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज कर रही है.
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10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव
उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, जिनमें से नौ सीटें सांसद बनने के बाद विधायकों के इस्तीफे से रिक्त हुई हैं. इनमें करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर सीटें शामिल हैं. सीसामऊ सीट पर उपचुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि सपा विधायक इरफान सोलंकी को आगजनी मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी.
इंडिया गठबंधन बनाम बीजेपी
इस बार के उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की अनुपस्थिति के बावजूद, चुनावी संघर्ष प्रमुख रूप से इंडिया गठबंधन (India Alliance) और बीजेपी के बीच देखा जा रहा है. बीजेपी अपनी मजबूत चुनावी मशीनरी के दम पर सीटें जीतने की कोशिश में जुटी है, जबकि इंडिया गठबंधन ने सभी 10 सीटों पर अपनी जीत सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है. अंत में, उपचुनाव में कौन बाजी मारेगा, यह देखना दिलचस्प होगा. सभी दलों ने अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है, लेकिन जनता का फैसला ही अंततः यह तय करेगा कि इन 10 विधानसभा सीटों पर किसकी जीत होगी.
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