Aaj ka Mausam: दिसंबर के अंतिम दिनों में उत्तर प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है और सोमवार को प्रदेश के अधिकांश जिलों में शीत दिवस (कोल्ड डे) की स्थिति बनी रही। लखनऊ समेत कई बड़े शहरों में दिन और रात के तापमान में अंतर कम हो गया, जिससे लोग दिनभर कड़ाके की ठंड का अनुभव कर रहे हैं। मौसम विभाग (Meteorological Department) के अनुसार, शीत दिवस का प्रभाव 1 जनवरी तक जारी रहेगा, उसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम साफ होने की संभावना है।
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दिन और रात के तापमान में कम अंतर

आपको बता दे कि, सोमवार को प्रदेश के कई हिस्सों में घने कोहरे ने आसमान को ढक लिया, जिससे धूप नहीं निकली और दिन के तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई। इससे न केवल तापमान में कमी आई, बल्कि लोगों को रात जैसी ठंड का एहसास हुआ। मौसम विज्ञानी डॉ. अतुल कुमार सिंह (Dr. Atul Kumar Singh)के अनुसार, लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में दिन और रात के तापमान में बहुत कम अंतर देखा गया, जिसके कारण शीत दिवस की स्थिति बनी रही। उन्होंने यह भी बताया कि आगामी दो दिनों तक रात के तापमान में और गिरावट की संभावना है।
आगरा और मुजफ्फरनगर में सबसे अधिक ठंड

सोमवार को आगरा में सबसे अधिक तापमान गिरा, जहां अधिकतम तापमान 8.9 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ 14.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, मुजफ्फरनगर में अधिकतम तापमान केवल 13.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि बहुत ठंडा माना जाता है। इन दोनों जिलों में ठंड का असर खासा महसूस किया गया और सामान्य गतिविधियां प्रभावित हुईं।
मौसम विभाग ने बताया कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी तक प्रदेश में घने कोहरे के साथ शीत दिवस की स्थिति बनी रहेगी। हालांकि, 2 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मौसम में सुधार होगा और तापमान में वृद्धि हो सकती है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव और चिकित्सकों की सलाह

मौसम में अचानक बदलाव के कारण ठंड का असर स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों पर। संयुक्त जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ सिंह ने बताया कि सर्दियों में बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि गर्म कपड़े पहनाने में कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए और सर्दी, जुकाम या बुखार होने पर बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि गलत दवा से स्थिति और बिगड़ सकती है।मौसम में हो रहे इस बदलाव के कारण बीमारियों के फैलने की आशंका भी बढ़ गई है, जिससे नागरिकों को अतिरिक्त सतर्क रहने की आवश्यकता है।