Basant Panchami 2025: सनातन धर्म में बसंत पंचमी (Basant Panchami) का पर्व अत्यधिक धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह पर्व खासकर भारत के विभिन्न हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और इस दिन को सर्दी से गर्मी में प्रवेश करने का प्रतीक माना जाता है। कई स्थानों पर, बसंत पंचमी से होली की शुरुआत भी मानी जाती है। इस दिन विशेष रूप से माता सरस्वती की पूजा की जाती है, जो ज्ञान, कला और संगीत की देवी मानी जाती हैं। उनकी प्रतिमा स्थापित करके भक्तगण उनका पूजन करते हैं, लेकिन इस बार बसंत पंचमी पर एक अद्भुत ज्योतिषीय संयोग बन रहा है, जिसे लेकर ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार पूजा-पाठ से कई गुना अधिक पुण्य की प्राप्ति होगी।
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बसंत पंचमी पर बनने वाला अद्भुत संयोग

अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित कल्कि राम के अनुसार, इस वर्ष बसंत पंचमी (Basant Panchami) का पर्व एक खास ज्योतिषीय संयोग लेकर आ रहा है। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 2 फरवरी को 11:53 बजे से शुरू होकर 3 फरवरी को सुबह 9:36 बजे तक रहेगी, लेकिन उदया तिथि के अनुसार बसंत पंचमी 3 फरवरी को मनाई जाएगी। यह संयोग इस बार लगभग 27 साल बाद बन रहा है, क्योंकि माघ माह के शुक्ल पक्ष के 15 दिनों के बजाय इस बार शुक्ल पक्ष केवल 14 दिनों का रहेगा, जिससे एक तिथि का क्षय हो रहा है। इस विशेष स्थिति में सप्तमी तिथि का क्षय हो रहा है, और षष्ठी तिथि (चार फरवरी) के बाद अष्टमी तिथि (पांच फरवरी) आएगी।
बसंत पंचमी पर योग और शुभ संयोग का निर्माण
पंचमी तिथि पर इस वर्ष कई शुभ योग भी बन रहे हैं। रेवती नक्षत्र के साथ सिद्ध योग, शुभ योग, मातंग योग, रवि योग, ययीजय योग, शुभ कर्तरी योग और बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है। इन योगों के प्रभाव से इस दिन किए गए पूजा-पाठ से विशेष लाभ और पुण्य की प्राप्ति होगी। इसके अलावा, बसंत पंचमी पर शुक्र अपने उच्च राशि मीन में स्थित रहेंगे, जो इस संयोग को और भी शुभ बना रहे हैं। इस समय पूजा पाठ करना बेहद पुण्यकारी माना जा रहा है।
कैसे करें पूजा और किन चीजों का करें अर्पण

बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन विशेष रूप से मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए। इस दिन माता सरस्वती को पीले वस्त्र पहनाकर उनकी पूजा करें। उन्हें पीले फूल, चंदन और पीले रंग का नैवेद्य अर्पित करें। इन चीजों का अर्पण करने से भक्तों को कई गुना अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन किया गया पूजन न केवल व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और ज्ञान की वृद्धि करता है, बल्कि इस विशेष संयोग के चलते और अधिक शुभ फल भी प्राप्त होते हैं।
इस साल एक विशेष ज्योतिषीय संयोग
बसंत पंचमी का पर्व इस साल एक विशेष ज्योतिषीय संयोग के साथ मनाया जा रहा है, जो पूजा-पाठ करने वालों को अद्भुत लाभ दे सकता है। इस दिन को सही तरीके से मनाकर और देवी सरस्वती की पूजा करके भक्तों को न केवल भौतिक सुख मिलेगा, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति भी होगी। इस विशेष संयोग का पूरा लाभ उठाने के लिए सही विधि से पूजा करें और अपने जीवन को शुभ और समृद्ध बनाएं।