Karnataka News: कर्नाटक के बागलकोट जिले के रबकवि बनहट्टी शहर में एक अनोखा मामला सामने आया है। सनशाइन अस्पताल, जो एक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल है, में एक ऐसा बच्चा जन्मा है जिसकी कुल 25 उंगलियां हैं। इस असाधारण घटना ने डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ और परिवारजनों को हैरत में डाल दिया है। नवजात बच्चे के दोनों पैरों में 12 उंगलियां (हर पैर पर 6 उंगलियां) और दोनों हाथों में 13 उंगलियां (दाएं हाथ पर 6 और बाएं हाथ पर 7 उंगलियां) हैं। कोन्नर की भारती नामक महिला ने इस बच्चे को जन्म दिया है। बच्चे और मां दोनों स्वस्थ हैं और परिवार में खुशी का माहौल है। परिवार के सदस्यों ने कहा कि यह बच्चा उनके जीवन में खुशियों की एक नई किरण लेकर आया है।
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पॉलीडेक्टली: एक दुर्लभ स्थिति
डॉक्टरों ने बताया कि यह पॉलीडेक्टली नामक एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें बच्चा एक या एक से अधिक अतिरिक्त उंगलियों के साथ पैदा होता है। कई मामलों में, पॉलीडेक्टली बिना किसी आनुवंशिक कारण के अपने आप हो जाती है। अस्पताल के डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और उन्हें किसी प्रकार की कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं है।
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पूर्व में भी सामने आ चुका है ऐसा मामला
यह पहला मौका नहीं है जब भारत में इस तरह का मामला सामने आया हो। 2023 में राजस्थान के डीग जिले में भी ऐसा ही एक मामला रिपोर्ट किया गया था। वहां एक बच्ची का जन्म हुआ था जिसके दोनों हाथों और पैरों में कुल 26 उंगलियां थीं। उस बच्ची के दोनों हाथों में सात उंगलियां और दोनों पैरों में छह उंगलियां थीं।
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मेडिकल विज्ञान और पॉलीडेक्टली
पॉलीडेक्टली जैसी स्थिति को लेकर मेडिकल विज्ञान में लगातार शोध और अध्ययन हो रहे हैं। यह स्थिति मुख्य रूप से गर्भावस्था के दौरान होने वाले विकासात्मक परिवर्तनों के कारण होती है। हालांकि, इसके अधिकांश मामलों में कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं होती है और इसे सर्जरी के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। इस प्रकार की असाधारण घटनाएं हमें मेडिकल विज्ञान की अद्भुत दुनिया और मानव शरीर की जटिलताओं के बारे में सोचने पर मजबूर करती हैं। यह घटना जहां एक तरफ बच्चों के स्वास्थ्य और उनकी देखभाल की महत्वता को दर्शाती है, वहीं दूसरी ओर यह भी दिखाती है कि विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में अभी भी बहुत कुछ सीखना बाकी है।
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जागरूकता और संवेदनशीलता
ऐसी घटनाओं पर समाज में जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है ताकि लोगों को इस तरह की स्थितियों के बारे में सही जानकारी हो और वे सही दृष्टिकोण से इसे समझ सकें। हमें इन मामलों को संवेदनशीलता के साथ देखना चाहिए और प्रभावित परिवारों को समर्थन और सहयोग देना चाहिए। अंत में, हमें यह याद रखना चाहिए कि हर बच्चा अपने आप में अनमोल है और उन्हें प्यार और देखभाल की जरूरत है, चाहे वे किसी भी स्थिति के साथ पैदा हों।
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