ऑनलाइन हाजिरी के तनाव में आकर शिक्षिका ने दी जान, 8 जुलाई से शुरू हुई थी UP के परिषदीय विद्यालयों में Digital Attendance

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Farah (File Photo)

Rampur News: मुरादाबाद के पंचायत लालपुर कलां के प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षिका फरहा नकी (35) ने बुधवार को बहल्ला नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। फरहा मुरादाबाद के मोहल्ला आजादनगर की निवासी थीं। उनके पति सुहेल जैदी, जो गाजियाबाद की फार्मेसी कंपनी में कार्यरत हैं, ने बताया कि फरहा शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी (Digital Attendance) की व्यवस्था से तनाव में थीं।

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घटनास्थल पर क्या हुआ?

फरहा बुधवार सुबह सात बजे मुरादाबाद से ऑटो में सवार होकर स्कूल के लिए निकली थीं। सुबह करीब 7.30 बजे, स्कूल पहुंचने से पहले ही, उन्होंने ऑटो रुकवाया और टांडा थाना क्षेत्र के कनपुर-लालपुर रोड पर नंगली गांव के पास बहल्ला नदी की पुलिया पर पहुंच गईं। आसपास के लोगों ने बताया कि फरहा अचानक पुलिया से नदी में कूद गईं। कुछ नजदीक के लोगों ने उन्हें बचाने के लिए नदी में छलांग भी लगाई, लेकिन फरहा को बाहर निकालने तक उनकी सांसें थम चुकी थीं।

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पति ने क्या कहा?

फरहा के पति सुहेल जैदी का कहना है कि ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था के चलते सभी शिक्षक त्रस्त हैं और इसका विरोध भी कर रहे हैं। फरहा भी इस तनाव से गुजर रही थीं। हालांकि, उन्होंने इस संबंध में कोई लिखित शिकायत नहीं की थी। टांडा पुलिस का कहना है कि इस मामले में कोई तहरीर नहीं मिली है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और फरहा के परिवार से बात की जा रही है।

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शिक्षकों की समस्याएँ

फरहा की आत्महत्या ने शिक्षकों के बीच ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था से उत्पन्न तनाव को उजागर किया। यह मामला प्रशासन को दी गयी एक चेतावनी तरह दिखाई दे रहा है कि शिक्षकों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और समाधान के प्रयास किए जाएं। फरहा नकी की आत्महत्या एक दुखद घटना है जो शिक्षकों की मानसिक स्थिति और उनके काम के दबाव को दर्शाती है। यह समय है कि प्रशासन और शिक्षा विभाग शिक्षकों की समस्याओं को हल करने के लिए ठोस कदम उठाएं, ताकि ऐसी दु:खद घटनाएँ दोबारा न हों।

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8 जुलाई से शुरू हुई थी ऑनलाइन हाजिरी

उत्तर प्रदेश (UP) के परिषदीय विद्यालयों में सोमवार, 8 जुलाई से शिक्षकों और कर्मचारियों की डिजिटल (Online) अटेंडेंस की शुरुआत कर दी गयी थी। शिक्षकों ने बरसात के कारण खराब रास्ते, स्कूलों में जलभराव जैसी व्यवहारिक समस्याओं का हवाला देते हुए डिजिटल अटेंडेंस (Digital Attendance) में रियायत देने की मांग की थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे इसका विरोध करेंगे। विभिन्न शिक्षक संगठनों ने इस कदम का विरोध किया। अगर शिक्षक दस-पंद्रह मिनट भी देरी से पहुंचते हैं, तो उन पर सख्ती की जा रही है। इस मुद्दे पर विभाग और शिक्षक संगठनों के बीच फिर से तनाव बढ़ रहा है।

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