जानिए क्या है उत्तराखंड में मनाये जाने वाले हरेला पर्व का महत्व और मान्यताएं ?
देवभूमि उत्तराखंड में बरसात के मौसम में हरियाली का प्रतीक हरेला त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है
यह लोकपर्व सावन के आने का संदेश है
उत्तराखंड गांवों के लोग देश-विदेश में बसे लोगो को चिट्ठियों के जरिए हरेला के तिनकों को आशीष के तौर पर भेजते हैं
गाजे-बाजे के साथ इस दिन पूरे पहाड़ में पौधे भी लगाए जाते हैं
मूलतौर पर यह त्यौहार उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मनाया जाता है
इस दिन लोग कान के पीछे हरेले के तिनके रखे हुए नजर आते हैं
हरेला पर्व से 9 दिन पहले हर घर में मिट्टी या बांस की बनी टोकरी में हरेला बोया जाता है
9 दिन में इस टोकरी में अनाज की बाली आ जाती हैं इसी को हरेला कहते हैं
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