रोजमर्रा की चिंता के कारण हमारी सेहत पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में सूर्य नमस्कार करने से उस तनाव से मुक्ति मिलती है। दरअसल, सूर्य नमस्कार करते समय हमें अपनी सांसों पर ध्यान देना पड़ता है। इससे मन शांत होता है और स्ट्रेस, एंग्जायटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। इसके अलावा, इसे सुबह के समय सूरज की रोशनी में किया जाता है, जिससे विटामिन डी मिलता है, जो डिप्रेशन को कम करने में मददगार हो सकता है।
सूर्य नमस्कार करते समय हमें गहरी और लंबी सांसे लेनी होती हैं, जिससे फेफड़ों की एक्सरसाइज होती है और वे मजबूत बनते हैं। साथ ही, गहरी सांसे लेने से फेफड़ों की सांस लेने की क्षमता भी बढ़ती है। इसलिए सूर्य नमस्कार करना श्वांस प्रणाली के लिए काफी लाभदायक होता है।
सूर्य नमस्कार करने से लिवर और किडनी को काफी फायदा पहुंचता है। ये दोनों अंग शरीर से वेस्ट प्रोडक्ट्स को बाहर निकालने का काम करते हैं। इसलिए इससे बॉडी बेहतर तरीके से डिटॉक्स होती है। साथ ही, सूर्य नमस्कार एक फिजिकल एक्सरसाइज है, जिसे करते समय हमारे शरीर से पसीना आता है। इसलिए इसे करते समय पसीने के जरिए भी बॉडी के टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं
सूर्य नमस्कार करने से आंतों की सेहत बेहतर होती है और कब्ज और अपच जैसी समस्याएं कम होती हैं। इसमें कुछ आसन ऐसे होते हैं, जिनसे पाचन तंत्र की समस्याएं दूर होती हैं।
सूर्य नमस्कार करने से शरीर की स्ट्रेचिंग होती है, जिससे ब्लड फ्लो बेहतर होता है। इससे बॉडी के सभी ऑर्गन्स तक रक्त प्रवाह बेहतर होता है। ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है और दिल को भी काफी फायदा पहुंचता है।
सूर्य नमस्कार के आसन दिल की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं। साथ ही, तनाव कम होने, ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने और लंबी सांसों के जरिए ज्यादा ऑक्सीजन शरीर में आने की वजह से दिल पर दबाव कम पड़ता है और वह बेहतर तरीके के काम कर पाता है।