आतंकवाद को उजागर करती हैं ‘72 हूरें’, बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा पाई फिल्म

Laxmi Mishra
By Laxmi Mishra

Input-Richa

72 Hoorain: पिछले दिनों बॉक्स ऑफिस पर कई फिल्में रिलीज हुईं. जिन्हें लेकर खूब विवाद देखने को मिले. द केरला स्टोरी के बाद अब फिल्म 72 हूरें विवादों में घिरी हुई नजर आ रही है. इस फिल्म से मेकर्स को काफी उम्मीदें थीं. लेकिन बॉक्स ऑफिस पर ये फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई.

संजय पूरन सिंह चौहान की 72 हूरें को लेकर सोशल मीडिया पर काफी बज़ था. लाख विवादों के बाद भी इस फिल्म को थिएटर में रिलीज कर दिया गया है. मगर इस फिल्म को देखने के लिए लोग थिएटर में नहीं जुट पा रहे है. साथ ही इसे काफी विरोध का भी सामना करना पड़ा. फिल्म में दिखाया गया है कि अगर जिहाद के नाम पर हत्याएं की जाएंगी. तो उन्हें जन्नत नसीब होंगी. लोगों को बताया जाता है कि अगर वो जिहाद के लिए हत्याएं करेंगे तो जन्नत में उनका स्वागत किया जाएगा. शुरुआत में एक मौलवी जिहाद अनुयायियों को भाषण देते हैं. साथ ही उन्हे गलत विचार भी देते है.

फिल्म की कहानी

ये कहानी बिलाल और हाकिम नाम के दो लोगों के बारे में है. बिलाल का किरदार आमिर बशीर ने निभाया है. जबकि हाकिम के रोल में पवन मल्होत्रा नजर आ रहे है. ये दोनों ही मौलाना सादिक के बहकावे में आ जाते है… और जिहाद के नाम पर हत्याएं करने लग जाते है. इसके आगे ये भी दिखाया गया है कि दोनों एक बम ब्लास्ट कराने का प्लैन बनाते है.

जिसके लिए दोनों भारत आकर मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया पर बम फोड़ देते है. इस दौरान दोनों की मौत हो जाती है. फिल्म में कैसे ये दोनों बहकावे में आ जाते है और फिर अपनी जान दे देते है. फिर ये दोनों आत्माओं के रुप में पृथ्वी पर घूमते है…. मरने के बाद ये हूरों तक पहुंचने का इंतजार करते है.

ये फिल्म आतंकियों का ब्रेनवॉश करने और उस पूरे प्रक्रिया को दिखाने की कोशिश करती है. आजकल लोगों को धर्म के नाम पर बहकाना और उन्हें गलत रास्ते पर ले जाना बहुत आम अपराध बन गया है. इस फिल्म की कहानी अनिल पांडे ने लिखी है. फिल्म में आतंकी हमले के कुछ सींस काफी खौफनाक है. डायरेक्शन में बम ब्लास्ट के सीन को बेहद खतरनाक तरीके से दिखाया गया है. बेहतरीन वीएफएक्स के साथ इसमें ज्यादातर हिस्सा ब्लैक एंड व्हाइट में दिखाया गया है.

Share This Article
Exit mobile version