69000 Teacher Recruitment: 69 हजार शिक्षक भर्ती (Teacher Recruitment) के अभ्यर्थियों का धरना प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी है। बुधवार को, प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के आवास का घेराव किया। इस मौके पर अभ्यर्थियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के आवास के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि स्थिति पर काबू पाया जा सके।
भर्ती की मांग को लेकर आक्रोशित अभ्यर्थी
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने 6800 सूची के अभ्यर्थियों को शीघ्र नियुक्ति देने की मांग उठाई है। अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे धनंजय गुप्ता ने आरोप लगाया कि सरकार न तो उन्हें नौकरी प्रदान कर रही है और न ही न्यायालय में इस मुद्दे की सही तरीके से पैरवी कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख मंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों, और भाजपा नेताओं के पास गुहार लगाने के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए, वे सड़क पर उतरने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं देख रहे हैं। गुप्ता ने सरकार से शीघ्र सकारात्मक निर्णय की अपेक्षा जताई।
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पीएम, सीएम समेत कई नेताओं को लिखा पत्र
69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों का एक अलग धड़ा भी सक्रिय है। पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप और प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह के नेतृत्व में इन अभ्यर्थियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र और बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह को पत्र लिखा है। पत्र में 1719 अभ्यर्थियों को लाभ देने की मांग की गई है।
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लखनऊ में डिप्टी सीएम के आवास पर किया था प्रदर्शन
लखनऊ में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को डिप्टी सीएम के आवास से पहले ही रोकने की कोशिश की, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया और केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा और उन्हें गाड़ी में बैठाया।
सरकार की अनदेखी से नाराज अभ्यर्थी
प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का कहना है कि वे पिछले चार साल से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है। उन्होंने सरकार से सभी मांगों को पूरा करने की अपील की है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि 69,000 शिक्षक भर्ती भाजपा के भ्रष्टाचार का शिकार हुई है। उन्होंने नई और न्यायपूर्ण सूची तैयार करने की मांग की ताकि पारदर्शी नियुक्तियां संभव हो सकें और प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो सके।
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सपा ने भाजपा सरकार को घेरा
अखिलेश यादव ने अभ्यर्थियों की संयुक्त शक्ति की सराहना की। उन्होंने कहा कि वे नए नियुक्तियों की प्रक्रिया पर निगरानी रखेंगे और किसी भी अभ्यर्थी के साथ नाइंसाफी नहीं होने देंगे। यह अभ्यर्थियों के संघर्ष और उनकी एकता की जीत है, जो भविष्य में अन्य आंदोलनों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है। अखिलेश यादव ने कहा, “69,000 शिक्षक भर्ती भी आखिरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई है। हमारी यही मांग है कि नए सिरे से न्यायपूर्ण नई सूची बने, जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियां संभव हो सके और प्रदेश में भाजपा काल मे बाधित हुई शिक्षा-व्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके।”
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