आजकल डिजिटल और मोबाइल नेटवर्क की दुनिया में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसके मुताबिक चांद पर पहला मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए नासा और नोकिया मिलकर एक नई पहल की शुरुआत कर रहे हैं। नासा Athena लैंडर को लॉन्च करेगा, जिसके जरिए चांद की सतह पर पहला मोबाइल नेटवर्क डिप्लॉय किया जाएगा। यह मिशन Intuitive Machines के IM-2 का हिस्सा है और इसे नोकिया के सहयोग से मुमकिन बनाया गया है।
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सेल्युलर टेक्नोलॉजी

नोकिया ने इस पहल के लिए Lunar Surface Communication System (LSCS) नामक एक सिस्टम विकसित किया है। यह सिस्टम चांद की सतह पर धरती पर उपयोग होने वाली सेल्युलर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके कनेक्टिविटी स्थापित करेगा। इस नेटवर्क के माध्यम से चांद पर विभिन्न गतिविधियों को सुगम बनाया जाएगा, जैसे कि लूनर व्हीकल्स के बीच हाई-डेफिनिशन वीडियो स्ट्रीमिंग, कमांड-एंड-कंट्रोल कम्युनिकेशन्स और टेलीमेट्री डेटा ट्रांसफर।
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एक्सट्रीम टेम्परेचर और रेडिएशन
यह नेटवर्क चांद की कठिन परिस्थितियों, जैसे कि एक्सट्रीम टेम्परेचर और रेडिएशन से बचाव के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि यह स्पेस कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी की एक बड़ी सफलता साबित हो सके। चांद पर यह नेटवर्क मानव गतिविधियों के लिए लंबे समय तक सहायक साबित होगा। नोकिया का विज़न है कि यह नेटवर्क चांद पर होने वाली भविष्य की मानव गतिविधियों को पूरी तरह से सपोर्ट करेगा।
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डिवाइस मॉड्यूल्स
इस नेटवर्क में दो लूनर मोबिलिटी व्हीकल्स शामिल होंगे— Intuitive Machines का Micro-Nova Hopper और Lunar Outpost का Mobile Autonomous Prospecting Platform (MAPP) रोवर। इन व्हीकल्स को नोकिया के डिवाइस मॉड्यूल्स के जरिए लैंडर के नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इससे यह व्हीकल्स चांद की सतह पर एक-दूसरे से जुड़कर अपनी गतिविधियों को अधिक प्रभावी तरीके से कर पाएंगे।
साथ ही, नासा का Polar Resources Ice Mining Experiment 1 (PRIME-1) भी इस नेटवर्क के जरिए चांद पर डिप्लॉय होगा। इस प्रयोग में चांद की सतह में ड्रिल करके रेगोलिथ (चांद की मिट्टी) निकाला जाएगा और साथ ही, मैस स्पेक्ट्रोमीटर से वोलेटाइल्स का विश्लेषण किया जाएगा। यह प्रयोग चांद पर पानी और अन्य संसाधनों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने में मदद करेगा।