Delhi IAS Coaching Center Incident: दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित राव IAS कोचिंग सेंटर (Rao IAS Coaching Center) के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई. ओल्ड राजेंद्र नगर (Rajendra Nagar) में शनिवार को यह हादसा हुआ, जिसके बाद दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. दिल्ली सरकार (Delhi government) ने इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. घटना के बाद से कोचिंग सेंटर के बाहर छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है. वे एमसीडी और कोचिंग सेंटर के खिलाफ लगातार नारेबाजी कर रहे हैं.
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प्रदर्शनकारी छात्र ने क्या कहा ?

बताते चले कि एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा, ‘यहां कोई जिम्मेदारी लेने वाला नहीं है. हम चाहते हैं कि सरकार से कोई यहां आए और जान गंवाने वाले छात्रों की जिम्मेदारी ले. एक ट्वीट करने से या लेटर लिखने से लोगों का भविष्य नहीं सुधरता. वोट मांगने आते हैं तो घर तक आते हैं और त्रासदी होने पर घर पर बैठकर लेटर लिखते हैं.’ दूसरे छात्र ने कहा, ‘सबसे बड़ी समस्या है कि 80 प्रतिशत लाइब्रेरी बेसमेंट में हैं. 10 मिनट भी बारिश होती है तो यहां बाढ़ आ जाती है. आज तक एमसीडी ने इस पर कोई काम नहीं किया। इसकी जिम्मेदारी एमसीडी की है. हम ढाई-तीन लाख रुपये देकर यहां पढ़ते हैं, फिर भी ऐसी स्थिति है. एमसीडी केवल पैसे लेने में जिम्मेदार बन जाती है, लेकिन यहां रेस्क्यू में 12 से 15 घंटे लग गए और किसी की जान नहीं बची.’
‘यह पूरी तरह से लापरवाही है’

एक अन्य छात्र ने कहा, ‘एमसीडी ने कहा है कि यह आपदा है, लेकिन मैं मानता हूं कि यह पूरी तरह से लापरवाही है. मैं दो साल से यहां रह रहा हूं. आधे घंटे की बारिश से यहां घुटनों तक पानी भर जाता है. यह लगातार दो साल से हो रहा है. आपदा वह होती है जो कभी-कभार होती है, लेकिन यह समस्या नियमित है.’
छात्रों ने प्रशासन पर लगाए आरोप
छात्रों का कहना है कि उनके मकान मालिक नालों की सफाई के लिए पार्षद से कई दिनों से कह रहे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. प्रशासन ने पहले लाइट काटी, फिर शव निकाले और अब पुलिस लाठी लेकर छात्रों को हटाने में लगी है. प्रशासन के 300 से अधिक लोग और 100 से अधिक पुलिसवाले खड़े थे, लेकिन मानसून आने से पहले कोई तैयारियां नहीं की गईं.
छात्रों की मांग

आपको बता दे कि छात्रों की मांग है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो और घायल और मृतक छात्रों की सही संख्या बताई जाए. शनिवार शाम सात बजे फायर डिपार्टमेंट को बेसमेंट में पानी भरने की सूचना मिली थी. एनडीआरएफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें गोताखोरों को भी उतारा गया. उस समय बेसमेंट में 30 से 35 छात्र थे, जिनमें से तीन फंस गए थे. रेस्क्यू के बाद तीन छात्रों के शव बरामद हुए, जिनमें दो छात्राएं और एक छात्र शामिल हैं.
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