उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) ने राज्य विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर तीखा हमला किया। उन्होंने विशेष रूप से नेता प्रतिपक्ष का नाम लेते हुए कहा कि….. अब समाजवादी नेता सनातन धर्म को स्वीकारने लगे हैं। यह बयान मुख्यमंत्री ने मजाकिया लहजे में दिया और कहा कि यह देखकर अच्छा लगा कि विपक्षी नेता अब सनातन धर्म को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने अपने पार्टी के सदस्यों को भी सनातन धर्म के बारे में चेतावनी दी है।
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विपक्ष की आलोचना करते हुए योगी ने कहा…..

योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी अब डॉ. अंबेडकर को सम्मान देने लगी है, जबकि पहले समाजवादी पार्टी के आचरण में अंबेडकर के प्रति कोई विशेष श्रद्धा नहीं दिखती थी। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम डॉ. अंबेडकर के नाम पर था, जिसे समाजवादी सरकार ने बदल दिया था। इसके अलावा, सीएम योगी ने गेस्ट हाउस कांड का भी जिक्र किया और कहा कि समाजवादी पार्टी के नेताओं का महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण और महापुरुषों के प्रति उनका नजरिया किसी से छिपा नहीं है। उनका यह कहना था कि समाजवादी पार्टी का आचरण हमेशा शभ्य समाज को भयभीत करता रहा है।

60 लाख युवाओं को रोजगार
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सनातन धर्म के आयोजनों से उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान मिली है। प्रदेश की कानून व्यवस्था में भी सुधार हुआ है, जिससे राज्य की स्थिति में काफी बदलाव आया है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में अब लाखों करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आ रहे हैं। यूपी की बेहतर कानून व्यवस्था और विकास कार्यों के कारण निवेशकों की दिलचस्पी प्रदेश में बढ़ी है, और 16 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा गया है। इसके परिणामस्वरूप 60 लाख युवाओं को रोजगार मिला है।
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डबल इंजन की सरकार
सीएम योगी ने इस बात पर जोर दिया कि यह डबल इंजन की सरकार का ही परिणाम है कि आज प्रदेश की स्थिति में सुधार हुआ है और दुनिया भर से निवेशकों का रुझान यूपी की ओर बढ़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि यूपी में अब लोग आने और निवेश करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि यहां के कानून व्यवस्था और विकास की दिशा ने लोगों का विश्वास जीता है।

विपक्ष की ओर से उठे सवाल और आरोपों सैलाब
इस दौरान मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष शिवपाल यादव से मजाक करते हुए यह भी कहा कि एक बार वह अपनी पार्टी के नेता सुरेश खन्ना के साथ 100 मीटर की दौड़ लगा लें, ताकि जनता यह देख सके कि उनकी स्थिति क्या है।सीएम योगी का यह बयान विपक्ष की ओर से उठाए गए सवालों और आरोपों के खिलाफ था, और उन्होंने स्पष्ट रूप से अपने और अपनी सरकार के कार्यों का बचाव किया।
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“महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसको वह मिला।”
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने महाकुंभ के लिए कहा…. महाकुंभ का आयोजन भारतीय संस्कृति का एक अनमोल हिस्सा है, जो हर बार लाखों लोगों को आकर्षित करता है। इस धार्मिक अवसर पर हर व्यक्ति अपनी आस्था, विश्वास और उद्देश्य के अनुसार कुछ न कुछ तलाशता है। जैसा कि एक प्रसिद्ध कथन है, “महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसको वह मिला।” गिद्धों को वहां केवल शव मिले, सूअरों को गंदगी, जबकि संवेदनशील लोगों को रिश्तों की एक खूबसूरत तस्वीर देखने को मिली।
आस्थावान व्यक्तियों को पुण्य की प्राप्ति हुई, सज्जन लोगों को सज्जनता मिली और भक्तों को भगवान का साक्षात्कार हुआ। महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह मानवता, आस्था और संस्कृति का मिलाजुला रूप है। यह प्रतीक है कि जीवन में जो हम खोजते हैं, वही हमें मिलता है, बशर्ते हमारी नीयत सही हो।